कोरोवा वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन जारी है. भारत में भी लॉकडाउन का तीसरा चरण जारी है. खास बात यह है कि लॉकडाउन की वजह से सभी की जिवनशैली में काफी बदलाव हुए हैं. जिसके चलते सामान्य बीमारियों के मरीजों में कमी आयी है. नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉ. नितेश की मानें तो चूंकि लोग घर और बाहर साफ-सफाई का काफी ध्यान रख रहे हैं, सभी मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. इस वजह से इस मौसम में जो अन्य बीमारियां होती थीं, वो अब नहीं हो रही हैं.
इसके अलावा टीबी के मरीजों की संख्या में भी कमी आई है. दरअसल ये सब सावधानी पहले भी लोगों को बरतने की सलाह दी जाती थी, लेकिन गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन अब इसे जरूरी कर दिया गया है, तो लोग इसका पालन कर रहे हैं. इसी वजह से कई अन्य बीमारी के मरीजों की सख्या कम हुई है. अगर इसी तरह लोग रहेंगे तो जो अन्य संक्रामक बीमारी है उससे भी लोग संक्रमित नहीं होंगे.
फिर भी रखें स्वास्थ्य का विशेष ध्यान
डॉ. नेतिश के अनुसार बिना संक्रमण वाली बीमारी जैसे सांस लेने में दिक्कत या अस्थमा के मरीज, डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर, आदि के मरीजों के लिए जरूरी है कि वे अपना विशेष ध्याम रखें. उन्होंने कहा अगर किसी भी तरह की सांस की बीमारी है, जैसे अस्थमा है तो उसकी दवा नियमित रूप से लें. अगर दवा खत्म हो गई है तो उसे तुरंत मंगवा लें. क्योंकि इस बीच अगर नहीं लेंगे और सांस लेने में कोई दिक्कत आई तो संक्रमण का संशय रहेगा.
14 राज्यों में नहीं आया कोई भी नया केस
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नितेष ने कहा, "हमारे देश में बहुत कम मरीज हैं जो गंभीर रूप से संक्रमित हैं. केवल एक प्रतिशत मरीजों को ही वेंटिलेटर की जरूरत है. यही वजह है कि कई राज्यों में केस आने बहुत कम हो गए हैं. यहां तक की 14 मई को केंद्र शासित प्रदेशों समेत 14 राज्यों में एक भी केस नहीं आया है. इसकी वजह सरकार की ओर से की जा रही व्यापक तैयारियां हैं. साथ ही लोगों का सहयोग. लॉकडाउन में तमाम नियम बनाए गए, तैयारी की गई, यह इसी का नतीजा है. हांलाकि भविष्य में अगर संख्या बढ़ती है तो उससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड अस्पातलों और लैब की संख्या बढ़ाने पर काम चल रहा है."
कोई भी शारीरिक समस्या वायरस का संक्रमण नहीं
कई बार लोगों को घर में रहकर कोई भी शारीरिक परेशानी आती है तो उन्हें तनाव होने लगता है कि कहीं वायरस का संक्रमण तो नहीं. इस पर डॉ. नितेश ने कहा कि जो लोग घर में हैं उन्हें भी डरने या तनाव लेने की जरूरत नहीं है, अगर सभी दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं, तो आपको कोई खतरा नहीं है. हमारे देश में वायरस से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है. कई बार संक्रमित मरीजों में भी डर रहता है कि वो ठीक होंगे कि नहीं.
लेकिन उनसे यही कहा जाता है कि आप जरूर ठीक होकर घर जाएंगे वो वायरस से जंग जीतते भी है. इसलिए जरूरी है कि घर, परिवार आस-पास और समाज का कर्तव्य है कि इससे डरे नहीं, न तनाव लें और जो ठीक होकर घर आ रहे हैं उनसे भी डरने की जरूरत नहीं है कि उनसे वायरस का संक्रमण होगा.
आपको बता दें कि लोगों से बार-बार कहा जा रहा है कि भले ही लॉकडाउन में ढील दी गई है, लेकिन सभी को अपनी सुरक्षा रखनी है. ऑफिस जा रहे हैं या ट्रेन से सफर कर रहे हैं तो विशेष ध्यान रखें. बिना जरूरत के घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह सभी को दी गई है.