पतंजलि की 'कोरोनिल' को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर आयुष मंत्रालय से मिली मंजूरी
पतंजलि की 'कोरोनिल' को मिली मंजूरी (Photo Credit: PTI)

देहरादून: योग गुरु बाबा रामदेव (Ramdev) की पतंजलि द्वारा विकसित की गई कोरोनिल दवा (Divya Coronil Tablet) को केंद्रीय आयुष मंत्रालय (AYUSH Ministry) ने हरी झंडी दे दी है. न्यूज 18 ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस संबंध में आयुष मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड में विभाग को एक ई-मेल भेजा गया है जहां रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. पतंजलि आयुर्वेद ने 23 जून को कोरोनिल टैबलेट और स्वसारी वटी दवा लॉन्च की.

आयुष मंत्रालय से पतंजलि को हरी झंडी मिल गई है. इसके बाद दिव्य योग फार्मेसी अब इन दवाओं की ब्रिकी कर सकेगा. हालांकि आयुष मंत्रालय ने इसके लिए कुछ शर्तें भी तय की हैं. इन दवाओं की बिक्री और प्रचार-प्रसार कोरोना (Coronavirus) की दवा के रूप में नहीं किया जाएगा. ना ही दवाओं की पैकिंग पर कोरोना का कहीं उल्लेख होगा या चित्र छापा जाएगा. पतंजलि को इसे 'इम्यूनिटी बूस्टर' के तौर पर ही बेचा जाएगा. राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा जारी लाइसेंस के आधार पर ही पंतजलि इन दवाओं की बिक्री कर सकेगा. यह भी पढ़ें: Coronavirus: पीएम नरेंद्र मोदी ने फिर किया आयुर्वेद को अपनाने का आह्वान, जानें क्या है डॉक्‍टर की सलाह. 

बता दें कि इसके लॉन्च के तुरंत बाद ही आयुष मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी थी. पतंजलि आयुर्वेद को कोरोनिल टैबलेट और स्वसारी वटी दवा लॉन्च करने के बाद एक नोटिस जारी किया गया था. हरिद्वार स्थित संगठन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उसने कभी भी कोरोना वायरस के लिए दवा बनाने का दावा नहीं किया.

पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने नोटिस में कहा, "पतंजलि ने कभी भी कोरोना दवा बनाने का दावा नहीं किया है." उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि कोरोनिल से कोरोना ठीक हो जाएगा या नियंत्रण में रहेगा. आयुष मंत्रालय द्वारा जारी लाइसेंस के तहत दवा बनाई गई थी. उन्होंने कहा, हमने कोरोनिल के एक आयुर्वेद दवा के तौर पर इम्युनिटी बढ़ाने, बुखार, कफ और एलर्जी की समस्या के लिए बताया था.