Coronavirus: पीएम नरेंद्र मोदी ने फिर किया आयुर्वेद को अपनाने का आह्वान, जानें क्या है डॉक्‍टर की सलाह

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एक बार फिर पीएम मोदी ने देशवासियों से आयुर्वेद की औषधियों को अपनाने का आह्वान किया है. रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है.

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Coronavirus: पीएम नरेंद्र मोदी ने फिर किया आयुर्वेद को अपनाने का आह्वान, जानें क्या है डॉक्‍टर की सलाह

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एक बार फिर पीएम मोदी ने देशवासियों से आयुर्वेद की औषधियों को अपनाने का आह्वान किया है. रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है.

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Coronavirus: पीएम नरेंद्र मोदी ने फिर किया आयुर्वेद को अपनाने का आह्वान, जानें क्या है डॉक्‍टर की सलाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एक बार फिर पीएम मोदी ने देशवासियों से आयुर्वेद की औषधियों को अपनाने का आह्वान किया है. रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कई और औषधियों का जिक्र भी किया. इसमें कोई दो राय नहीं कि तमाम आयुर्वेदिक नुस्‍खे हैं, जिन्हें अपना कर कोरोरा से बचा जा सकता है. हमने जब स्‍वास्थ्‍य विशेषज्ञ डॉ. तनुजा नेसारी से बात की तो उन्होंने इम्‍युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ रोगों से बचाव के उपाय बताये. अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी ने प्रसार भारती से बातचीत में कहा कि देश में जब केस आने लगे तो आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के जरिए एडवाइजरी जारी की, जिससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है. क्योंकि जब भी ऐसी महामारी आती है तो मजबूत इम्यूनिटी बीमारी से बचने में काफी सहायता करती है. भारत की आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में काफी गुणकारी चीजें हैं, जो भी किसी भी महामारी से लड़ने की ताकत देती हैं. खास बात यह है कि इसमें घर की सामान्य चीजों से ही इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं.

डॉ. तनुजा ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान आयुर्वेद का सर्वोच्‍च संस्‍थान है. इसे आयुर्वेद का एम्‍स कहते हैं. आयुर्वेद से जिन गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज होता है, उनके विशेषज्ञ यहां हैं. यहां कई सारे रोगों का उपचार किया जाता है. संस्थान में करीब दो हजार तक मरीज रोजाना आते हैं. इसके अलावा उपचार के लिए 200 बेड की व्यवस्था है. संस्‍थान में कोरोना पर कई शोध चल रहे हैं. आयुष मंत्रालय आयुर्वेद को लेकर जो भी शोध की गाइडलाइन देता है, उसे यहां शास्त्रीय प्रमाणों से जानने की कोशिश की जाती है.

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फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए आयुरक्षा किट:

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देश के अलावा अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान पब्लिक सेक्टर में कार्यरत कोरोना वॉरियर जैसे, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, डॉक्टर, आदि सीधे कोरोना मरीजों के संपर्क में आते हैं. इन्हें संक्रमण न हो इसका ध्यान रखना जरूरी है. आयुष मंत्रालय ने जब एडवाइजरी जारी की तो सबसे पहले पहले दिल्ली पुलिस के 80 हजार पुलिसकर्मियों के लिए एक आयुरक्षा अभियान चलाया. इसमें पुलिस कर्मियों को आयुरक्षा किट प्रदान की गई, जिसमें च्यवनप्राश, काढ़ा, अणु तेल समेत कुछ आयुर्वेदिक औषधियां दी गईं. पिछले तीन महीने से पुलिसकर्मियों को ये किट मुहैया करायी जा रही है.

नाक में अणु का तेल है फायदेमंद:

वहीं नाक में अणु तेल डालने के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि नाक में तेल डालने के बहुत फायदे हैं. इसमें भी अणु तेल ज्‍यादा फायदेमंद होता है. अगर कोई सुबह-शाम नाक में दो बूंद अणु तेल की डालते हैं, तो ज़ुकाम, छींक नहीं होगी. उंगली से लेकर भी तेल को नाक के अंदर लगा सकते हैं. नाक के अंदर नेसल एपिथिलियम के ऊपर जब तेल की एक परत बन जाती है तब बैक्‍टीरिया या संक्रमण करने में सक्षम कणों एपिथिलियम के संपर्क में नहीं आ पाते हैं और संक्रमण नाक के द्वार से शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाता है. अणु तेल साइनस में बहुत फायदेमंद होता है. अगर आप बाहर जाते हैं तो सुबह शाम अणु तेल नाक में डालें, इससे संक्रमण से बचाव होगा. उन्होंने कहा कि अगर अणु तेल नहीं है तो नारियल का तेल, सरसों का तेल या घी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन सभी से बहुत फायदा होता है.

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गरारा करने से भी होता है फायदा:

इस दौरान उन्होंने लोगों को गरारा करने की भी सलाह दी. डॉ. तनुजा नेसारी ने कहा कि वायरस का जब भी संक्रमण होता है तो पहले दो से तीन दिन तक गले में रहता है. उसको वहीं खत्म करने की कोशिश करने के लिए. इसके लिए गर्म पानी का गरारा करें. पानी में हल्‍दी या अदरक का रस मिलाने से फायदा होगा. उन्होंने कहा कि अनलॉक होने के बाद सभी बाहर जा रहे हैं, ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है. वायरस गले से अंदर जाता है इसलिए संक्रमण से बचने के लिए गरारे रोजाना करें. इससे फायदा होगा. यानी वायरस अगर गले में आ भी गया तो उसे अंदर जाने ही नहीं देना है. गरारा करने से वायरस का संक्रमण ज्यादा प्रभावी नहीं होता और वह गले में ही नष्ट हो सकता है. इसके अलावा हल्दी बहुत फायदा करती है. दूध के साथ लेने पर यह सर्दी, जुकाम, खांसी में काफी फायदेमंद है. इसलिए इनका रोजाना सेवन करें. वहीं उन्होंने लोगों को च्यवनप्रश के सेवन को लेकर कहा कि सुबह खाली पेट यानी कुछ भी खाने से पहले एक से दो चम्मच च्‍यवनप्राश लेना चाहिए और फिर दूध पीना चाहिए. इसके बाद जब तक भूख नहीं लगे तब तक कुछ मत खायें. च्यवनप्राश को सभी मौसम में खा सकते हैं. यह बहुत फायदा करता है.

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