नई दिल्ली: कोरोना महामारी को लेकर भारत भी दूसरे अन्य देशों की तरह परेशान हैं. हालांकि राहत की बात है कि पिछले दो हफ्ते के कोरोना के मामलों में कमी आई हैं. लेकिन अभी भी कोरोना वैक्सीन की दवा बाजार में नहीं आने की वजह से सरकार लोगों से अभी भी ऐहतियात बरतने को कह रही हैं. क्योंकि कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अभी भी चल रहा है. वहीं करीब चार महीने पहले योग गुरु बाबा रामदेवी की कंपनी पतंजलि (Patanjali) ने कोरोना महामारी के लिए कोरोनिल (Coronil kits) नाम की दवा लांच किया था. पतंजलि (Patanjali) की तरफ से जो जानकारी मीडिया को मिली है. उसके अनुसार चार महीने में पतंजलि ने 250 करोड़ रुपये की दवा बेच चुकी हैं.
पतंजलि के रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के इलाज के लिए लोगों के बीच जो दवाएं बेचीं हैं. वह ऑनलाइन, ऑफलाइन, डायरेक्ट मार्केटिंग, जनरल मार्केटिंग और पतंजलि के देश विदेश में फैले औषधालय और चिकित्सा केन्द्रों के जरिए हुई है. यह भी पढ़े: Fact Check: आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ व्यक्ति कोरोना की कथित दवा की स्वीकृति पर लगा रहे हैं रोक? PIB ने बताई इस वायरल खबर की सच्चाई
हालांकि कोरोनिल की लॉन्चिंग के बाद इसका विवादों से भी साथ रहा है. पहले तो 23 जून को ही इस बात पर विवाद हो गया कि कोरोनिल कोरोना वायरस संक्रमण का रामबाण इलाज है. जिसके बाद सरकार ने इस दावा पर बेचने पर पाबंदी लगा दी थी. जिसके बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को नोटिस भेजकर 7 दिनों में जवाब तलब किया. फिर पतंजलि ने अपना दावा बदलते हुए इसे कोरोना वायरस के शर्तिया यानी रामबाण इलाज बताने की बजाय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला यानी इम्यूनिटी बूस्टर टेबलेट बताया. जिसके बाद पूरे देश में पतंजली इस दवा जी बेचने शुरू कर दी.