नई दिल्ली, 27 जनवरी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी हिन्दी पत्रिका पांचजन्य ने बीबीसी पर तीखा निशाना साधते हुए कहा है कि बीबीसी एक टूलकिट है जो भारत के जनमानस में झूठ और दुष्प्रचार थोपने का प्रयास कर रहा है. पांचजन्य ने अपने आने वाले नए अंक में बीबीसी पर लिखी स्टोरी में कई तरह के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कैम्ब्रिज एनालीटिका के बाद एक बार फिर से भारत के जनमानस में झूठ और दुष्प्रचार थोपने का प्रयास हो रहा है. आरएसएस से जुड़ी पत्रिका में बीबीसी को टूलकिट तक बता दिया गया है.
आपको बता दें कि, गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री बनाने को लेकर बीबीसी विवादों में घिर गया है. भारत सरकार का विदेश मंत्रालय इस डॉक्यूमेंट्री को औपनिवेशिक मानसिकता का प्रतीक, प्रोपेगैंडा पीस, पक्षपातपूर्ण और निष्पक्षता की कमी का प्रतीक बता कर पहले ही खारिज कर चुका है. भारत के 302 पूर्व न्यायाधीश, पूर्व नौकरशाह,पूर्व राजनयिक, और पूर्व सैन्य अधिकारी भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को नकारात्मकता और पूर्वाग्रह से भरा हुआ पक्षपातपूर्ण आरोप पत्र करार देते हुए इसकी निंदा कर चुके हैं. यहां तक कि भारत सरकार भी बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर चुकी है. यह भी पढ़ें : Old Petrol and Diesel Vehicles: पेट्रोल व डीजल की पुरानी गाड़ियों को जब्त करने का काम एक फरवरी से शुरू
लेकिन भारत सरकार द्वारा इस डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के बावजूद देश के कई विश्वविद्यालयों में इसकी स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा मचा हुआ है. विपक्षी दल भी इसे लेकर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पांचजन्य पत्रिका की यह स्टोरी और इसमें बीबीसी पर साधे गए तीखे निशाने से यह साबित होता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस मामले में पूरी तरह से सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है.