Pakistani Girl Ayesha Heart Transplant: पड़ोसी देश पाकिस्तान भले ही भारत के बारे में कुछ भी सोचता हो. लेकिन भारत हमेशा ही उसके साथ दोस्ती का हाथ बढाया है. जिसको लेकर अक्सर भारत की तारीफ हुई है. भारत ने एक बार फिर ऐसा कुछ किया है. जिसको लेकर पूरी दुनिया में भारत की तारीफ हो रही है. दरअसल पाकिस्तना के कराची की रहने वाले एक 19 साल की लड़की आयशा राशन नाम की लड़की को 2019 में दिल का दौरा पड़ा. परिवार वालों ने आयशा का पाकिस्तान में इलाज किया. लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि आयशा का हार्ट ट्रांसप्लांट करना पड़ेगा और उसके लिए वे भारत जायें तो बेहतर रहेगा.
डॉक्टरों की सलाह पर आयशा के परिवार वाले किसी तरह भारत पहुंचे. भारत आने पर उन्होंने चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल में संपर्क किया. जहां पर आयशा राशन के परिवार वालों ने एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉ. केआर बालाकृष्णन और को-डायरेक्टर डॉ. सुरेश राव से कंसल्टेंट किया. यह भी पढ़े: दोस्त इसी लिए होते हैं… भारतीय नौसेना ने बचाई बुल्गारिया के नागरिकों की जान, वहां की डिप्टी PM ने की भारत की तारीफ
आयशा का चेन्नई में हार्ट ट्रांसप्लांट का सफल सर्जरी:
चेन्नई : पाकिस्तान से भारत आई आयशा की हुई सफल हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी
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— News24 (@news24tvchannel) April 27, 2024
कंसल्टेंट करने के बाद डॉक्टरों ने आएशा का चेकअप किया. चेकअपके बाद डॉक्टरों ने फैमिली को बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट आवश्यक है. लेकिन खर्च बड़ा आ रहा है. जो परिवार वालों के पास पैसे नहीं होने पर उन्होंने हार्ट ट्रांसप्लांट कराने में असमर्थता जताई. लेकिन एमजीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल ने दरिया दिली दिखाते हुए आयशा का मुफ्त में हार्ट ट्रांसप्लांट करने पर राजी हो गए.
फिलहाल आयशा का हार्ट ट्रांसप्लांट सफल हो गया. परिवार वाले उनकी बच्ची को नहीं जिन्दगी देने को लेकर डॉक्टरों के साथ ही भारत का शुक्रीया अदा किया है. वहीं आयाशा को नहीं जिन्दगी मिलने पर बच्ची भी डॉक्टरों के साथ ही भारत का शुक्रिया अदा किया है.
जानकारी के अनुसार आयशा का 31 जनवरी 2024 को ट्रांसप्लांट किया गया. सीने में जो दिल ट्रांसप्लांट किया गया, वह दिल्ली के एक शख्स का है. यानी आयाशा भले ही पाकिस्तान में रहेंगी. लेकिन उसके दिल में हिंदुस्तान का दिल धड़केगा. क्योंकि उसे भारत ने नई जिंदगी दी है. हालांकि आयशा का चेन्नई के इस अपस्ताल में तुरंत हार्ट का ट्रांसप्लांट नहीं हुआ. परिवार वालों को कुछ समय इंतजार करना पड़ा. जिसके बाद आयशा के हार्ट का सफल ट्रांसप्लांट हुआ. आयाशा को नहीं जिन्दगी मिलने पर बच्ची भी डॉक्टरों के साथ ही भारत का शुक्रिया अदा किया है.