Kandahar Hijack: एयर इंडिया विमान हाईजैक में शामिल जैश आतंकी 23 साल बाद मारा गया, कराची में गोलियों से भूना
पाकिस्तान (Pakistan) के कराची (Karachi) में 1999 में एयर इंडिया के विमान IC-814 (Air India Plane IC-814 Hijack) को हाईजैक करने वाले आतंकियों में से एक जहूर मिस्त्री (Zahoor Mistry) उर्फ जाहिद अखुंद (Zahid Akhund) की हत्या होने की खबर है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के कराची (Karachi) में 1999 में एयर इंडिया के विमान IC-814 (Air India Plane IC-814 Hijack) को हाईजैक करने वाले आतंकियों में से एक जहूर मिस्त्री (Zahoor Mistry) उर्फ जाहिद अखुंद (Zahid Akhund) की हत्या होने की खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते 1 मार्च को बाइक सवार दो हमलावरों ने जहूर को उसके घर में गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया. छद्म युद्ध हारने के बावजूद कश्मीर की हांडी चढ़ाये रखना चाहता है पाकिस्तान
जहूर कथित तौर पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Muhammad) से जुड़ा था. हालांकि उसने खुद की पहचान बिजनेसमैन के तौर पर बनायीं थी और छिपकर रह रहा था. बताया जा रहा है कि आतंकी जहूर को मारने वाले दोनों हमलावर एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए, लेकिन नकाब पहने होने के कारण उनकी पहचान नहीं हो सकी है. सूत्रों ने बताया कि दोनों बाइक सवारों ने पहले इलाके की रेकी की और फिर इस वारदात को अंजाम दिया. सूत्रों के मुताबिक, हमले से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) भी बचती दिख रही है.
ज्ञात हो कि दिसंबर 1999 में 176 यात्रियों और चालक दल के 15 सदस्यों के साथ एयर इंडिया की उड़ान IC-814 का अपहरण कर लिया गया था. इस हाईजैक की साजिश आतंकी जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर (Maulana Masood Azhar), अल उमर मुजाहिदीन (Al Umar Mujahideen) के नेता मुश्ताक अहमद जरगर (Mushtaq Ahmed Zargar) और ब्रिटिश मूल के अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख (Ahmed Omar Saeed Sheikh) को भारतीय जेलों से रिहा कराने के लिए रची गई थी.
अपहर्ताओं ने आईसी-814 फ्लाइट के 176 यात्रियों को सात दिनों तक बंधक बनाकर रखा था. इस फ्लाइट ने दिल्ली आने के लिए नेपाल के काठमांडू से उड़ान भरा था, लेकिन आतंकियों ने उसे हाईजैक कर अफगानिस्तान के कंधार ले गए. कहा जाता है कि इस हाईजैक की साजिश को पाकिस्तान की सैन्य खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का समर्थन हासिल था और आतंकियों को पाक आर्मी सीधे तौर पर मदद कर रही थी.