Pakistan पर डिजिटल स्ट्राइक! देश विरोधी फेक न्यूज फैलाने वाले 35 Youtube चैनल समेत कई सोशल मीडिया अकाउंट बैन
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नई दिल्ली: 20 जनवरी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने खुफिया सूचना के आधार पर 35 यूट्यूब चैनल (You tube Channel), 2 ट्विटर अकाउंट, 2 इंस्टाग्राम अकाउंट, 2 वेबसाइट और एक फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक (Block) करने के निर्देश जारी किए हैं. सूचना और प्रसारण मंत्रालय संयुक्त सचिव(P&A) विक्रम सहाय के मुताबकि ये सभी अकाउंट्स  पाकिस्तान (Pakistan) से संचालित होते हैं और झूठे भारत विरोधी समाचार (Anti India Content) और अन्य सामग्री फैलाते हैं.  इन वेबसाइट और अकाउंट्स के खिलाफ आईटी नियमों के तहत कार्रवाई की गई है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट MIB इंडिया हुआ हैक, एलन मस्क की तस्वीरों के साथ किया जा रहा यह ट्वीट

मंत्रालय ने कहा कि ये फर्जी चैनल अफवाह फैला रहे थे कि 'बिपिन रावत की मौत के लिए भारत सरकार जिम्मेदार है, बिपिन रावत की बेटी इस्लाम स्वीकार कर रही है. उत्तर कोरियाई सेना कश्मीर जा रही है'

सूचना और प्रसारण मंत्रालय संयुक्त सचिव(P&A) विक्रम सहाय ने कहा कि इन YouTube अकाउंट के फर्जी वीडियो को 130 करोड़ बार देखा गया है, जो लगभग भारत की आबादी है. हमारी खुफिया एजेंसियां  इसको लेकर काफी सक्रिय है.​​ YouTube पर ऐसे और समाचार चैनल बैन कर दिए जाएंगे.

मंत्रालय ने इसको लेकर YouTube को भी घेरा है. विक्रम सहाय ने कहा कि यह उन प्लेटफॉर्म की भी जिम्मेदारी है कि वो इसका गलत तरीके से इस्तेमाल ना होने दे. YouTube को यह भी देखना चाहिए कि ये पूरी तरह से फर्जी खबरें हैं.

मंत्रालय ने बताया कि उन चैनलों द्वारा प्रचारित भारत विरोधी और फर्जी जानकारी में भारतीय सशस्त्र बल, जम्मू और कश्मीर, अन्य देशों के साथ भारत के विदेशी संबंध, पूर्व सीडीएस दिवंगत बिपिन रावत की मृत्यु, अलगाववादी विचार जैसे विषय शामिल थे.

19 जनवरी को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि भारत विरोधी कंटेंट फैलाने वाली वेबसाइटों और YouTube चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इनके माध्यम से फेक न्यूज फैला कर भय और भ्रम की स्थिति फैलाने का प्रयास किया जा रहा है.

पिछले साल भी केंद्र सरकार ने 20 यूट्यूब चैनल और 2 वेबसाइट को बैन कर दिया था. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इसके लिए यूट्यूब को लिखित रूप में आदेश जारी किया था. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि YouTube चैनल इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस की सहायता से 'भारत विरोधी' फेक न्यूज फैलाई जा रही थी.