केरल हाई कोर्ट का आदेश, कहा- अपने पास अश्लील तस्वीरें रखना दंडनीय अपराध नहीं

केरल उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा है कि महज अश्लील तस्वीरें रखना स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध कानून के तहत अपराध नहीं है. अदालत ने एक व्यक्ति और एक महिला के खिलाफ आपराधिक मुकदमे को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की.

केरल हाई कोर्ट (Photo Credit- Twitter)

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने अपने एक आदेश में कहा है कि महज अश्लील तस्वीरें रखना स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध कानून के तहत अपराध नहीं है. अदालत ने एक व्यक्ति और एक महिला के खिलाफ आपराधिक मुकदमे को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की. हालांकि उसने स्पष्ट किया कि ऐसी तस्वीरों का प्रकाशन या वितरण कानून के तहत दंडनीय है.

न्यायमूर्ति राजा विजयवर्गीय ने हाल में एक आदेश में कहा, ‘‘अगर किसी वयस्क व्यक्ति के पास अपनी कोई तस्वीर है जो अश्लील है तो 1968 के कानून 60 के प्रावधान तब तक उस पर लागू नहीं होंगे जब तक कि उन तस्वीरों को किसी अन्य उद्देश्य या विज्ञापन के लिए वितरित या प्रकाशित न किया जाए.’’

यह भी पढ़ें : केरल नन-रेप केस: SIT ने बिशप मुलक्कल के खिलाफ कोर्ट में दायर किया आरोप पत्र

उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर अपना फैसला दिया जिसमें एक व्यक्ति और महिला के खिलाफ मुकदमे को रद्द करने की मांग की गई थी. यह मामला कोल्लम में एक मजिस्ट्रेट अदालत में लंबित था.

यह मामला 2008 में दर्ज किया गया था. पुलिस ने कोल्लम में एक बस अड्डे पर तलाशी अभियान के दौरान दोनों लोगों के बैगों की जांच की थी जो एक साथ थे. तलाशी में दो कैमरे मिले थे. जांच करने पर यह पाया गया कि उनके पास उनमें से एक की अश्लील तस्वीरें और वीडियो हैं.

Share Now

\