नई दिल्ली: बरसात के सीजन में फसल खराब होने के कारण आलू, प्याज, टमाटर समेत तमाम हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. परिणामस्वरूप लोगों के रसोई का बजट बिगड़ रहा है. महंगाई से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को प्याज निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया. जिससे घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ गई है और कीमतों पर अंकुश लग गया है. प्याज विक्रेताओं का कहना है कि सरकार के फैसले से आने वाले दिनों में प्याज की कीमत तेजी से घटेगी.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से दिल्ली के ओखला सब्जी मंडी के प्याज विक्रेता मोहम्मद ज़कारिया (Mohd Zakaria) ने कहा कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले से इसकी कीमतें प्रभावित होंगी. विदेशों में निर्यात रुकने से प्याज की कीमत में 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर जाएंगी. ये कीमत एक या दो दिन में कम हो जाएगी. अनाज, दाल, प्याज आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर होंगे, दो अध्यादेश मंजूर
Delhi: Onion sellers at Okhla Sabzi Mandi say that the central govt's decision to ban the export of onions will affect its prices. Mohd Zakaria, a seller says, "It will bring a change in price of onions in days to come. Rates will fall by at least Rs 2-3 per kg in a day or two." pic.twitter.com/vJ0wqpTlIF
— ANI (@ANI) September 16, 2020
इस बीच, दुनिया की सबसे बड़ी प्याज मंडियों में शुमार महाराष्ट्र के नासिक में किसानों ने प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाए जाने के खिलाफ मंगलवार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. मुंगसे, पिंपलगांव, नामपुर और उमराने बाजारों में किसानों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने लगभग 10 हजार क्विंटल प्याज के लिये लगाई जा रही बोली रोक दी। साथ ही उन्होंने मुंबई-आगरा हाईवे समेत कई मार्गों पर यातायात रोकने का भी प्रयास किया.
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव की कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) में मंगलवार सुबह 2,220 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्याज की बोली लगनी शुरू हुई, जिससे किसान नाराज हो गए. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सोमवार को प्याज के न्यूनतम दाम 1,100 रुपये, अधिकतम 3,209 रुपये और औसत 2,950 रुपये प्रति क्विंटल थे, जो निर्यात पर पाबंदी का फैसला लेने के कुछ ही घंटे बाद गिरकर 2,700 रह गए थे.
बीते एक महीने में हरी सब्यियों की कीमतों में 25 से 100 फीसदी तक का इजाफा हो गया है, जिससे आम जनता की जेब पर बोझ बढता जा रहा था. परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने सभी किस्म की प्याज के निर्यात को बैन कर दिया. हालांकि यह निर्णय महाराष्ट्र समेत देश के तमाम प्याज उत्पादकों को नागवार गुजरा है.