नई दिल्ली: देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' (One Nation One Election) को लेकर बहस छिड़ गई है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि 'एक देश एक चुनाव' समिति की पहली आधिकारिक बैठक आज दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में उनके आवास पर होने की संभावना है. केंद्र सरकार ने शनिवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के अध्ययन के लिए 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इसके बाद रविवार (3 सितंबर) को इस कमेटी के प्रमुख पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कानून मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी. One Nation-One Election: ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ भाजपा के फायदे का सौदा, यहां समझिए सियासी गणित.
दरअसल केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. यह सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा. बताया जा रहा है कि इस सत्र में पांच बैठकें होंगी. सूत्रों के मुताबिक, संसद के इस विशेष सत्र में मोदी सरकार 'एक देश-एक चुनाव' पर बिल लेकर आ सकती है. एक देश एक चुनाव का मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ करा लिए जाएं. संसद के विशेष सत्र के दौरान यूसीसी और महिला आरक्षण बिल भी पेश किए जा सकते हैं.
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बैठक
The first official meeting of the 'One Nation One Election' committee is likely to take place today under the chairmanship of former President Ram Nath Kovind at his residence, in Delhi: Sources pic.twitter.com/ADeQtCf8pj
— ANI (@ANI) September 6, 2023
देश में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को लेकर बहस काफी समय से चल रही है. मोदी सरकार इसे लागू कराना चाहती है तो वहीं कई राजनीतिक दल इसके विरोध में हैं. माना जा रहा है कि संसद के इस विशेष सत्र का मुख्य उद्देश्य देश में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' लागू करना है.
सरकार के पास संविधान के अनुच्छेद 85 के तहत संसद का सत्र बुलाने का प्रावधान है. इसके तहत सरकार को संसद के सत्र बुला सकती है. संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति निर्णय लेती है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है, जिसके जरिए सांसदों को एक सत्र में बुलाया जाता है.