दुनियाभर में ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले बढ़ने लगे हैं. दक्षिण अफ्रीका और यूरोप के देशों में कोरोना का यह नया वेरिएंट बड़ा खतरा बन गया है. भारत में भी इस वेरिएंट को लेकर दहशत है, लगातार इसके मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. इस बीच यूरोप के लिए अलर्ट जारी किया गया है. यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (European Centre for Disease Prevention and Control-ECDC) ने चेतावनी दी कि आने वाले हफ्तों में यूरोप के देशों में कोरोना वायरस के मामले, उससे होने वाली मौतों और अस्पताल में भर्ती होने के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हो सकती है. COVID-19: मास्क पहनने से जोखिम 225 गुना तक कम हो सकता है- सर्वे.
यूरोपीय देशों ने कोरोना से निपटने के लिए अलग-अलग उपाय किए हैं, जिसमें लॉकडाउन और अन्य कई तरह की पाबंदियां शामिल हैं. लेकिन इन सब के बावजूद यहां खतरा अभी भी बना हुआ है. ECDC ने कहा कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी जारी है.
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के निदेशक एंड्रिया अम्मोन ने कहा कि आने वाले हफ्तों में, COVID के नए मामले, उससे मौतें, अस्पताल में भर्ती होने के केस और आईसीयू के केस बढ़ सकते हैं.
भारत में तीसरी लहर का खतरा
भारत में ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद अब मामले बढ़ने लगे हैं. देश में अब तक कुल 23 केस सामने आ चुके हैं, जिसके बाद राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक सतर्क हैं. ओमिक्रॉन की दस्तक के साथ ही तीसरी लहर (Third Wave) का खतरा भी बढ़ गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि भारत को संभावित "तीसरी लहर" से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.
विशेषज्ञों का कहना है कि "कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का प्रभाव दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक दिखने लगेगा. जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में ओमिक्रॉन का पीक होगा." आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने अध्ययन में यह दावा किया.
कई विशेषज्ञों का मानना है की इस वेरिएंट पर कोरोना वैक्सीन भी असरदार नहीं है. नया वेरिएंट दोनों वैक्सीन डोज ले चुके लोगों को भी चपेट में ले सकता है. WHO ने ओमिक्रॉन को 'वेरिएंट ऑफ कन्सर्न' श्रेणी में रखा गया है.विशेषज्ञों की मानें तो इस नए वेरिएंट से पूरी दुनिया में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं.