शादी-विवाह और त्योहारों के सीजन में मांग बढ़ने से तेल-तिलहन कीमतों में आया सुधार

विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और देश में त्योहारी मांग बढ़ने के साथ खाद्य तेलों का स्टॉक खाली होने से बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में विभिन्न खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार का रुख रहा और भाव पर्याप्त लाभ दर्शाते बंद हुए.

तेल ( photo credit :pixabay)

नयी दिल्ली, 7 मार्च : विदेशी बाजारों (Foreign markets) में तेजी के रुख और देश में त्योहारी मांग बढ़ने के साथ खाद्य तेलों का स्टॉक खाली होने से बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार (Oilseed market) में विभिन्न खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार का रुख रहा और भाव पर्याप्त लाभ दर्शाते बंद हुए. बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि देश में सरसों तेल की बढ़ती मांग के बीच इन तेलों के भाव अपने निचले स्तर से उबरकर मामूली गिरावट दर्शाते बंद हुए. उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों में गिरावट जरूर है, पर किसान कम भाव में सरसों बेच नहीं रहे हैं और बाजार में मांग भी अधिक है. उन्होंने कहा कि सरसों की नई फसल की मंडी में आवक ज्यादा है जिसकी वजह से इसमें गिरावट देखने को मिल रही है. लेकिन अगले 10-15 दिनों में यह आवक कम होने लगेगी.

सूत्रों ने कहा कि ऊंचे भाव पर निर्यात मांग प्रभावित होने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तेल-तिलहनों के भाव भी हानि दर्शाते बंद हुए. उन्होंने कहा कि प्रमुख उत्पादक देश अर्जेन्टीना और ब्राजील में सोयाबीन की उपज की स्थिति खराब है और सूरजमुखी तेल (हल्का तेल) के भाव रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचने के बीच वैश्विक स्तर पर सोयाबीन रिफाइंड तेल की मांग काफी बढ़ी है. देश में मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल बेमौसम बरसात की वजह से प्रभावित हुई है और फसल का काफी हिस्सा दागी है जिससे सोयाबीन बड़ी बनाने वाली कंपनियों की मांग को पूरा करने में मुश्किल आ रही है. उन्हें मंडियों से अच्छा माल लगभग 6,100 रुपये से ऊपर के भाव पर खरीदना पड़ रहा है. दूसरी ओर किसानों, स्टॉकिस्टों के पास माल बिल्कुल नहीं है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की देश के भीतर और निर्यात की भारी मांग होने से भी सोयाबीन तेल-तिलहनों के भाव पर्याप्त लाभ दर्शाते बंद हुए. यह भी पढ़ें :

गर्मी के मौसम शुरू होने के साथ वैश्विक स्तर पर पामोलीन की मांग काफी बढ़ी है. इसके अलावा देश में शादी-विवाह के सीजन और त्योहारी मांग के कारण सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में पर्याप्त सुधार आया.

सप्ताह के दौरान सूरजमुखी तेल का भाव 1,700 डॉलर प्रति टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया जिसका असर बाकी खाद्य तेल की कीमतों पर भी हुआ और उनके भाव ऊंचे हो गये. दिल्ली में सूरजमुखी का भाव सारे शुल्क और मुनाफे समेत लगभग 185 रुपये किलो बैठता है. सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन दाना और लूज के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले क्रमश: 130-130 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 5,380-5,430 रुपये और 5,230-5,280 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए. सोयाबीन दिल्ली और सीयाबीन डीगम तेल का भाव क्रमश: 120 रुपये और 300 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 13,100 रुपये और 12,000 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ. दूसरी ओर सोयाबीन इंदौर का भाव 100 रुपये की हानि के साथ 12,700 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ. यह भी पढ़ें : Modi ki Dukan: लाभार्थियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने की ‘मोदी की दुकान’ से सस्ती कीमत पर दवाइयां खरीदने की अपील

बाजार में मांग बढ़ने से सरसों के भाव अपने निचले स्तर से उबर गये और गत सप्ताहांत सरसों दाना 500 रुपये की हानि दर्शाता 5,900-5,950 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ. सरसों दादरी तेल 1,050 रुपये की गिरावट के साथ 12,300 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ. सरसों पक्की घानी तेल की कीमत 60 रुपये की हानि के साथ 2,010-2,100 रुपये क्विन्टल पर बंद हुई जबकि सरसों कच्ची घानी तेल 2,140 -2,255 रुपये प्रति टिन पर पूर्ववत बना रहा. दूसरी ओर निर्यात गतिविधियों में आई तेजी के बीच मूंगफली दाना सप्ताहांत में 50 रुपये की हानि के साथ 6,000-6,085 रुपये क्विन्टल और मूंगफली गुजरात तेल 160 रुपये की हानि के साथ 14,850 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ. मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड की कीमत भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 20 रुपये गिरकर 2,380-2,440 रुपये प्रति टिन बंद हुई. समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 50 रुपये सुधरकर 11,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया. जबकि पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल के भाव क्रमश: 30 रुपये और 40 रुपये सुधरकर क्रमश: 12,850 रुपये और 11,700 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए.

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