बेंगलुरु: IMA पोंजी घोटाले में संलिप्त अधिकारी बी.एम. विजयशंकर ने की आत्महत्या, जांच पड़ताल के दौरान सेवा से किए गए थे निलंबित

करोड़ों रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में कथित रूप से शामिल वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बी.एम. विजयशंकर ने अपने घर में आत्महत्या कर ली. वह 59 वर्ष के थे. एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया विजयशंकर को देर शाम शहर के दक्षिणी उपनगर जयनगर में उनके आवास की पहली मंजिल पर उनकी पत्नी ने एक कमरे में फांसी पर लटका देखा.

मौत/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

बेंगलुरु, 24 जून: करोड़ों रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में कथित रूप से शामिल वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बी.एम. विजयशंकर (B.M Vijayshankar) ने अपने घर में आत्महत्या कर ली. वह 59 वर्ष के थे. एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "विजयशंकर को देर शाम शहर के दक्षिणी उपनगर जयनगर में उनके आवास की पहली मंजिल पर उनकी पत्नी ने एक कमरे में फांसी पर लटका देखा."

घटना तब सामने आई जब विजयशंकर की पत्नी जो नीचे थीं, वह उनसे मिलने के लिए ऊपर गईं. परिवार ने पुलिस को सूचित किया और फिर उनके शरीर को शव परीक्षण के लिए राजकीय अस्पताल भेजा गया. विजयशंकर को 2018-19 के दौरान शहर में करोड़ों रुपये के आईएमए घोटाले में कथित रूप से शामिल होने के बाद गिरफ्तार किया गया था और जेल भेजा गया था.

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अधिकारी ने आगे बताया, "कर्नाटक कैडर के इस अधिकारी को सेवा से निलंबित कर दिया गया था, जब बेंगलुरु शहरी जिले के उपायुक्त रहने के दौरान उन्होंने आईएमए घोटाले के मोहम्मद मंसूर खान से 1.5 करोड़ रुपये रिश्वत लेने की बात स्वीकार की थी. हालांकि कथित तौर पर उन्होंने बाद में 5 करोड़ रुपये की मांग की थी."

राज्य सरकार ने हाल ही में विजयशंकर के निलंबन को रद्द कर दिया था और उन्हें नागरिक संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए सकला योजना के आयुक्त के रूप में तैनात किया. उन्होंने आगे कहा, "विजयशंकर तब से ही दबाव में थे जब से उन्हें पता चला था कि राज्य सरकार ने घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को उनसे पूछताछ करने और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है."

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में संशोधन से राज्य सरकार की सरकारी कर्मचारी की आपराधिक जांच के लिए मंजूरी अनिवार्य है. बता दें कि जून 2019 में 4,000 करोड़ रुपये के घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता सामने आने के बाद खान और आई- मौद्रिक सलाहकार (आईएमए) के 5 निदेशकों को पिछले साल गिरफ्तार कर लिया गया था.

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