ओडिशा (Odisha ) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो वरिष्ठ नेताओं दिलीप रॉय ( BJP MLA Dilip Ray) और बिजोय महापात्र ( Bijoy Mohapatra ) ने पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया जो 2019 के चुनाव के मद्देनजर भगवा पार्टी के लिए झटका है. दोनों नेताओं ने इस बाबत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को संयुक्त पत्र भेजने के अलावा रॉय ने विधायक के पद से भी इस्तीफा दे दिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं विधानसभा में राउरकेला का प्रतिनिधित्व कर रहे रॉय ने सदन की सदयस्ता से भी इस्तीफा दे दिया.
एक समय पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक(Biju Patnaik ) के मानस पुत्र माने जाने वाले रॉय ने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप अमात से मुलाकात की और सदन की सदस्यता से अपना इस्तीफा पत्र उन्हें सौंप दिया. अध्यक्ष ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है. इस घटना से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेता बीजू जनता दल (बीजेडी) में वापसी कर सकते हैं जिसके वे संस्थापक सदस्य हैं.महापात्र को साल 2000 में बीजेडी से निष्कासित कर दिया गया था जबकि रॉय को दो साल बाद बाहर का रास्ता दिखाया गया था.
रॉय ने अभी अपने भविष्य के कदम का खुलासा नहीं किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने राउरकेला से 2019 ओडिशा का विधानसभा चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है. ओडिशा में अगले साल उसी समय विधानसभा चुनाव होने हैं जब देश में आम चुनाव होंगे. दोनों नेताओं के जाने की खबर भाजपा के लिए बुरी है जिसकी नजर राज्य में सत्ता हासिल करने पर है. महापात्र ने कहा कि राज्य में मौजूदा समय में राजनीतिक स्थिति अस्थिर है और वह रॉय के साथ चर्चा करने के बाद ही भविष्य के कदम के बारे में निर्णय लेंगे.
एक वरिष्ठ बीजेडी नेता ने कहा कि किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. पार्टी में इनको शामिल करने का फैसला मुख्यमंत्री और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक लेंगे. रॉय ने टि्वटर पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘बहुत दुखी मन से मैंने राज्य विधानसभा के साथ-साथ भाजपा की सदस्यता को भी छोड़ने का फैसला किया है. महापात्र ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य का हित उनके लिए सर्वोपरि है और वह अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में कोई फैसला अगले पखवाड़े करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में उनके सुझावों और विचारों को अनदेखा किया जा रहा था.
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे त्यागपत्र में रॉय और महापात्र ने कहा, ‘‘हमें यह बताते हुए खेद हो रहा है कि यहां पार्टी की दुखद स्थिति को लेकर आपको बताने के निरंतर प्रयासों के बावजूद ना तो आपने और ना ही किसी वरिष्ठ पार्टी नेता ने विचार-विमर्श करने, समीक्षा करने या सुधारात्मक कदम उठाने की जहमत की. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये भाजपा राज्य इकाई के अध्यक्ष बसंत पांडा ने कहा कि उनके चले जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं होगा.