ओडिशा: लॉकडाउन में मदद के लिए आगे बढ़े कदम, मकान मालकिन ने 7 किराएदारों का एक महीने का किराया किया माफ
ओडिशा के भुवनेश्वर में कोरोना वायरस लॉकडाउन की इस घड़ी में मदद के लिए एक मकान मालिक ने कदम आगे बढ़ाते हुए दूसरों के लिए मिसाल पेश की है. सौदामिनी सामंत राय नाम की एक मकान मालकिन ने अपने 7 किराएदारों का एक महीने का किराया माफ कर दिया है. उनका कहना है कि लॉकडाउन की अवधि हर किसी के लिए कठिन समय है.
भुवनेश्वर: देश में कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronavirus Outbreak) को नियंत्रित करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. 21 दिवसीय लॉकडाउन के पहले चरण के बाद अब 19 दिवसीय लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है. चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) ने न सिर्फ दुनिया भर के लिए स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया है, बल्कि गरीब व मजदूर तबके के लोगों के लिए बेरोजगारी और भुखमरी की चुनौती भी साथ लेकर आया है. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों और छोटी कंपनियों में काम करने वालों के रोजगार पर भी ताला लग गया, जिसके चलते उनके सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है. खासकर किराए पर रहने वालों लोगों के लिए रोटी के साथ किराया देने के लिए पैसों का जुगाड़ करना कोरोना से भी बड़ा संकट बन गया है. हालांकि संकट की इस घड़ी में कुछ मकान मालिकों ने मदद का हाथ भी बढ़ाया है और अपने किराएदारों का किराया माफ भी किया है.
इसी कड़ी में ओडिशा (Odisha) के भुवनेश्वर (Bhubaneswar) में कोरोना वायरस लॉकडाउन की इस घड़ी में मदद के लिए एक मकान मालिक ने कदम आगे बढ़ाते हुए दूसरों के लिए मिसाल पेश की है. सौदामिनी सामंत राय (Saudamini Samant Rai) नाम की एक मकान मालकिन (Landlord) ने अपने 7 किराएदारों (Tenants) का एक महीने का किराया माफ कर दिया है. उनका कहना है कि लॉकडाउन की अवधि हर किसी के लिए कठिन समय है. हमारे यहां किराएदारों के रूप में रहने वाले छोटे व्यवसायों में हैं या छोटी कंपनियों में कर्मचारी हैं. इस दौरान मैं उनकी मदद करना चाहती थी. यह भी पढ़ें: दिल्ली: लॉकडाउन में छलका महिला का दर्द, कहा- दिल की बीमारी से पीड़ित बेटी की दवा के लिए नहीं है पैसे, कामकाज बंद होने से बढ़ी दिक्कत
एक महीने का किराया माफ
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें बताया गया कि किराया नहीं दे पाने की वजह से मकान मालिक अपने किराएदारों को घरों से बाहर निकाल रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान ट्रेनें, बसें और यातायात के अन्य साधन बंद होने के कारण प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों की ओर पैदल ही पलायन करने को मजबूर हो गए. हालांकि केंद्र और राज्य सरकारों की अपील के बाद कई मकान मालिक किराएदारों की मदद के लिए आगे आए.