गुरुग्राम, 8 अगस्त (आईएएनएस): नूंह दंगों के एक हफ्ते बाद अब जिले में स्थिति शांत है और नूंह में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं. इस बीच, हरियाणा कांग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्य कांग्रेस प्रमुख चौधरी उदयभान और अन्य शामिल थे, को मंगलवार को पुलिस ने नूंह में प्रवेश करने से रोक दिया. नूंह में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी. और बैंक और एटीएम दोपहर 3 बजे तक खुले रहेंगे. नूंह में 11 अगस्त तक मोबाइल इंटरनेट पर रोक, कर्फ्यू पर सरकार ने लिया ये फैसला.
इस बीच हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है. नूंह पुलिस की 8 अलग-अलग टीमों ने मंगलवार तक 57 एफआईआर दर्ज की हैं और 170 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा, सांप्रदायिक झड़पों की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए नूंह में दर्ज मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दलों (एसआईटी) का गठन किया गया है. प्रत्येक एसआईटी 5 एफआईआर की जांच करेगी. वे मोनू मानेसर जैसे गौरक्षकों द्वारा पोस्ट किए गए भड़काऊ वीडियो की भी जांच करेंगे.
31 जुलाई को नूंह में एक जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया था. इसके साथ ही इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया. नूंह, फरीदाबाद और पलवल जिलों में अभी भी धारा 144 लागू है.नूंह में भीड़ को उकसाने के आरोपी मोनू मानेसर और अन्य निगरानीकर्ता झड़प के बाद से फरार हैं.
नूंह के नवनियुक्त उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "नूंह में वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है और पुलिस को प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया गया है. फरार लोगों को गिरफ्तार करने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है."
नूंह में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा क्षेत्रवार 21 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं. "मैदान पर 1,900 पुलिसकर्मियों सहित पुलिस बल की 31 कंपनियां हैं, जो पूरे दिन प्रमुख स्थानों पर गश्त कर रही हैं. नूंह पुलिस की 8 अलग-अलग टीमें संदिग्धों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं. साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों की टीमें सोशल मीडिया पर नजर रखेे हुई हैं."
नूंह के एसपी नरेंद्र सिंह बिजारनिया ने कहा, जो कोई भी गलत सूचना फैलाने में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. नूंह में भड़की और बाद में गुरुग्राम तक फैली झड़पों में दो होम गार्ड और एक मौलवी सहित सात लोगों की मौत हो गई और कम से कम 88 घायल हो गए. हरियाणा कांग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को रोजका मेव गांव में रोका गया और वापस लौटा दिया गया. हुड्डा ने कहा कि वे नूंह शहर में पीड़ितों की समस्याएं सुनना चाहते थे और शांति का संदेश देना चाहते थे.
हालांकि, एसपी ने कहा, "नूंह में धारा 144 लागू होने के कारण अनुमति नहीं दी गई है. प्रशासन और पुलिस पीड़ित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. जिले में राजनीतिक यात्राओं की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि इससे प्रशासन का काम बढ़ेगा."