गुरुग्राम: हिंसा से प्रभावित नूंह जिले में अभी भी तनाव बरकरार है. हरियाणा सरकार ने नूंह में साम्प्रदायिक तनाव को देखते हुए इंटरनेट पर रोक की अवधि को 11 अगस्त रात 12 बजे तक बढ़ा दिया है. नूंह में अब 11 अगस्त तक मोबाइल इंटरनेट पर रोक रहेगी. सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि मोबाइल फोन, व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है. वहीं जिला अधिकारी ने आदेश जारी किया कि 9 अगस्त को कर्फ्यू में सुबह नौ बजे से दोपहर 1 बजे तक ढील दी जाएगी. Nuh Violence Audio: प्री प्लान थी नूंह हिंसा? वायरल ऑडियो क्लिप से हुआ बड़ा खुलासा.
इससे पहले सोमवार (9 अगस्त) को ही हरियाणा सरकार ने उपाधीक्षक स्तर के एक पुलिस अधिकारी को नूंह से ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया. सोमवार को जारी आदेश के अनुसार, पुलिस उपाधीक्षक (नूंह) जय प्रकाश का तबादला कर दिया गया है। वह पंचकूला में पुलिस उपाधीक्षक (पुलिस मुख्यालय) का पद संभालेंगे. भिवानी जिले के पुलिस उपाधीक्षक (सिवनी) मुकेश कुमार प्रकाश की जगह नूंह में कार्यभार संभालेंगे. इससे पहले पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला और उपायुक्त प्रशांत पंवार का नूंह से तबादला किया गया था.
नूंह में विश्व हिंदू परिषद की एक यात्रा को रोके जाने की कोशिश करने के बाद भड़की हिंसा गुरुग्राम और अन्य स्थानों पर भी फैल गई, जिससे दो होम गार्ड समेत छह लोगों की मौत हो गई. हिंसा के बाद से नूहं , गुरुग्राम समेत हरियाणा के कई इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.
कांग्रेस को प्रभावित गांवों में प्रवेश से रोका गया
हरियाणा के नूंह में हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने जा रहे कांग्रेस की प्रदेश इकाई के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने जिले के हिंसा प्रभावित गांवों में प्रवेश करने से रोक दिया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल को कर्फ्यू लागू होने और उनके लिए सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए रोजका मेव गांव में रोक दिया गया. यह गांव सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित था. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल लौट आया. राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वे नूंह शहर में प्रभावित लोगों की समस्याएं सुनना चाहते थे और शांति का संदेश देना चाहते थे.
हुड्डा ने कहा, “आज हमें रोकने के लिए जितनी भारी फोर्स तैनात की गई है, अगर उस दिन भी तैनात की गई होती तो दोनों समुदायों के बीच झड़प नहीं होती. इस पूरे प्रकरण के लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है. जाहिर है सरकार लापरवाह थी और उनकी मंशा ठीक नहीं थी.”