'No Sane Man Would Believe It': दिन दहाड़े जुहू चौपाटी पर रेप कैसे? हाई कोर्ट ने आरोपी को दे दी जमानत, जानिए पूरा मामला
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मई 2021 में जुहू चौपाटी पर एक चट्टान के पीछे एक घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार के आरोपी चौकीदार को जमानत दे दी, क्योंकि अदालत ने महिला के बयान को प्रथम दृष्टया अविश्वसनीय पाया.
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मई 2021 में जुहू चौपाटी पर एक चट्टान के पीछे एक घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार के आरोपी चौकीदार को जमानत दे दी, क्योंकि अदालत ने महिला के बयान को प्रथम दृष्टया अविश्वसनीय पाया. जस्टिस पृथ्वीराज के. चव्हाण ने कहा, "चूंकि कथित अपराध के समय पीड़िता बालिग थी, इसलिए कोई भी समझदार व्यक्ति इस पर विश्वास नहीं करेगा कि ईद-उल-फितर के दिन भीड़भाड़ वाले जुहू चौपाटी में दिन के उजाले में, पीड़िता के साथ आरोपी ने जबरन यौन संबंध बनाए." शेर दौड़ते नहीं हैं... ट्रेन की चपेट में आने से शेरों की मौत को लेकर गुजरात हाई कोर्ट ने रेलवे को लगाई फटकार.
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि आरोपी, जो एक चौकीदार के रूप में काम करता था उसने पीड़िता के साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाए, जो एक हाउस हेल्पर के रूप में काम करती थी. 14 मई, 2021 को उसने आरोप लगाया गया कि आरोपी शख्स उसे जुहू चौपाटी पर ले गया और उसके मना करने के बावजूद कुछ पत्थरों के पीछे उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी.
जिसके बाद बांगुर नगर पुलिस ने उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(n), 354, 354(D), 506 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO), 2012 की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया.
जस्टिस चव्हाण ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत एक एक्स-रे रिपोर्ट से पता चला है कि पीड़िता की रेडियोलॉजिकल उम्र 19 से 20 वर्ष के बीच थी, जिससे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की प्रयोज्यता को खारिज कर दिया गया. अदालत ने आगे कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत पीड़िता के बयान से संकेत मिलता है कि वह और वह आदमी दोस्त थे." आवेदक 25 जून, 2021 को अपनी गिरफ्तारी के बाद से सलाखों के पीछे है.