शेर दौड़ते नहीं हैं... ट्रेन की चपेट में आने से शेरों की मौत को लेकर गुजरात हाई कोर्ट ने रेलवे को लगाई फटकार
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गुजरात हाई कोर्ट ने हाल ही में गिर वन्यजीव अभयारण्य में ट्रेनों की चपेट में आने से एशियाई शेरों की लगातार हो रही मौतों पर प्रतिक्रिया देने में उदासीनता के लिए रेलवे की खिंचाई की. मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध माई की डिविजन बेंच ने रेलवे की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया कि ज्यादातर शेर शिकार का पीछा करते समय ट्रेन दुर्घटनाओं में मरते हैं. मुख्य न्यायाधीश ने रेलवे को फटकार लगाते हुए कहा, "शेर दौड़ते नहीं हैं, वे धीरे-धीरे चलते हैं... तो आपको कैसे पता चला कि शेर शिकार का पीछा कर रहा है? आपको यह कहानी किसने सुनाई? आपका ड्राइवर? यह सिर्फ एक धारणा है." HC ON Live-In Relationships: लिव-इन रिलेशन के ट्रेंड पर हाई कोर्ट ने जताई चिंता, युवाओं को दी ये सलाह.

26 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान बेंच ने इस साल जनवरी में दो शेरों की ट्रेन से कटकर मौत पर रेलवे के जवाब पर नाराजगी जताई थी. इसमें कहा गया है कि रेलवे और वन अधिकारियों को "समन्वय से काम करना होगा और तालमेल बिठाना होगा कि देश का गौरव कहे जाने वाले शेरों को कैसे बचाया जाए." अदालत ने कहा कि शेर 'जंगल का राजा' होने के नाते राजा की तरह व्यवहार करता है और अन्य जानवरों को केवल भूख लगने पर ही मारता है, अन्यथा नहीं और शेर तेंदुए या बाघ की तरह अपने शिकार का लंबे समय तक पीछा नहीं करता है.

हाई कोर्ट ने कहा, "वह एक शेर है, तेंदुआ या बाघ नहीं. वह पूरी तरह से अलग जानवर है. वह जंगल का राजा है और वह राजा की तरह व्यवहार करता है. अगर वह भूखा नहीं है, तो वह किसी अन्य जानवर की ओर नहीं देखेगा. मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "मैंने जानवरों को शेर से बहुत कम दूरी पर खड़े देखा है."

कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि एक शेर शिकार का पीछा करने के लिए रेलवे ट्रैक पर क्यों जाएगा. "वह एक राजा है, वह जानवरों को नहीं मार रहा है क्योंकि वह राजा है. वह अपने इलाके की रक्षा कर रहा है और जानवरों को तभी खाता है जब उसे भूख लगती है और यह प्रकृति का नियम है. इसलिए कृपया कोई कहानी न बनाएं."

सुनवाई के दौरान रेलवे के वकील ने कहा कि कोर्ट को इस तथ्य की सराहना करनी चाहिए कि अब दुर्घटनाएं कम हो गई हैं. इस पर कोर्ट ने कहा, यह संख्या शून्य होनी चाहिए. संख्या कम करने में कोई प्रशंसा नहीं हो सकती. विभाग की इस उदासीनता के कारण हमने कई शेरों को मार डाला है. हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि आप उन्हें हर दिन मार रहे हैं." मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की, अगर आप एक शेर खो रहे हैं तो कितने वर्षों के बाद आपको एक मिलेगा? आप यह नहीं कह सकते कि यदि एक खो गया है तो यह कोई बड़ी बात नहीं है.''