सहमति से संबंध बनाने से पहले पैन या आधार कार्ड चेक करने की जरूरत नहीं: दिल्ली हाई कोर्ट
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दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने के आदेश में कहा कि सहमति से होने वाले सेक्स में व्यक्ति को संबंध बनाने से पहले अपने साथी की जन्मतिथि सत्यापित करने के लिए आधार या पैन कार्ड चेक करने की रूरत नहीं है. कोर्ट ने संदिग्ध हनीट्रैप के एक मामले के आरोपी जमानत देते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के प्रमुख को इस बात की जांच करने को कहा है कि कहीं पीड़ित महिला आदतन अपराधी तो नहीं है, जो मर्दों के खिलाफ रेप का एफआईआर दर्ज कराकर पैसे वसूलती है. Delhi Most Unsafe For Woman: महिलाओं के लिए दिल्ली सबसे असुरक्षित, पिछले साल हर दिन 2 नाबालिगों से दुष्कर्म: एनसीआरबी के आंकड़े. 

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, ''वह व्यक्ति, जो किसी अन्य व्यक्ति से सहमति से शारीरिक संबंध रखता है, उसे दूसरे व्यक्ति की जन्म तिथि की जांच करने की जरूरत नहीं है. उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए पहले अपने साथी का आधार कार्ड,पैन कार्ड देखने और उसके स्कूल रिकॉर्ड से जन्म तिथि सत्यापित करने की जरूरत नहीं है.''

मामले में पीड़ित महिला ने दावा किया है कि वह अपराध के समय नाबालिग थी और पहले उसे सहमति से यौन संबंध बनाने का लालच दिया गया फिर आरोपी ने धमकी देकर रेप किया. अदालत को पीड़ित महिला के बयान में कई असंगतिया मिलीं हैं. अदालत ने पाया कि एक साल में महिला ने आरोपी से अपने खाते में करीब 50 लाख रुपये लिए हैं.