INX मीडिया केस: पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा  झटका, अंतरिम राहत देने से किया मना
पी चिदंबरम (Photo Credits: PTI/File)

नई दिल्ली: आईएनएक्स मामले में अग्रिम जमानत याचिका रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की याचिका सुप्रीम कोर्ट की पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की अगुआई में कई वकील बुधवार सुबह से उचित पीठ में मामले की सुनवाई के लिए प्रयासरत रहे हैं. सिब्बल ने न्यायमूर्ति एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा, "हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, इसलिए हम दोबारा यहां आए हैं. न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि याचिका में कुछ खामियां पाई गई हैं. सिब्बल ने कहा कि खामियां दूर कर दी गई हैं और उन्होंने मामले को अदालत के समक्ष मौखिक रूप से पेश करने का आग्रह किया और मामले को यथासंभव जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया.

सिब्बल ने कहा, "मेरा मुवक्किल कहीं नहीं भाग रहा है और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है. वह यह लिखकर देने को तैयार हैं कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं."न्यायमूर्ति रमना ने रजिस्ट्रार को बुलाया, और रजिस्ट्रार ने अदालत को बताया कि याचिका की खामियां दूर हो गई हैं और सत्यापन के बाद याचिका सूचीबद्ध कर दी जाएगी।याचिका पर सुनवाई के लिए सिब्बल के जोर देने पर न्यायमूर्ति रमना ने इससे इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध किए बिना मामले की सुनवाई नहीं की जा सकती.

इससे पहले न्यायमूर्ति रमना की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मामले को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेज दिया था।महाधिवक्ता तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से कहा कि यह 'धन शोधन' का बड़ा मामला है।इस पर चिदंबरम के वकील तथा वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि पूर्व मंत्री के आवास पर रात दो बजे एक नोटिस चस्पा किया गया था।

सिब्बल ने इस पर कहा कि मंगलवार को उन्होंने प्रधान न्यायाधीश से संपर्क किया था, लेकिन तत्काल सुनवाई नहीं हो सकी।सिब्बल ने अदालत को यह भी बताया कि मामले से जुड़े दस्तावेज मामले की तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हैं।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) यह जांच कर रही हैं कि साल 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्तमंत्री थे तो उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी किस तरह मिली थी. आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के बदले रुपये लेने के आरोप में सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम को 28 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार कर लिया था। कार्ति बाद में जमानत पर रिहा हो गए थे.