Nirbhaya Gangrape Case: दोषी विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन पर 14 जनवरी को SC में सुनवाई
दो दोषियों विनय शर्मा और मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है. दोषी विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन पर 14 जनवरी को SC में सुनवाई होगी. दोषियों ने अपनी क्यूरेटिव पिटीशन में मांग की है कि उनके डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए.
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों की फांसी का दिन करीब आ रहा है. इस बीच चारों दोषियों में से दो दोषियों विनय शर्मा और मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है. दोषी विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन पर 14 जनवरी को SC में सुनवाई होगी. दोषियों ने अपनी क्यूरेटिव पिटीशन में मांग की है कि उनके डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए. दोषियों ने उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करेगी. इस बेंच में जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस अशोक भूषण का नाम शामिल है.
बता दें कि मंगलवार 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने 'निर्भया' के चारों गुनहगारों का डेथ वॉरंट जारी किया था. इन सभी को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी. फांसी से ठीक पहले क्यूरेटिव पिटीशन से दोषी बचने का आखिरी रास्ता अपना रहे हैं. चारो दोषियों को डेथ वॉरंट जारी होने के बाद एक बार देश की नजर 14 जनवरी को होने वाली सुनवाई पर होगी.
क्यूरेटिव पिटीशन पर 14 जनवरी हो होगी सुनवाई-
क्यूरेटिव पिटीशन दोषी के पास मौजूद आखिरी मौका होता है, जिसके वह अपने लिए सुनिश्चित की गई सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है. क्यूरेटिव पिटीशन तब दाखिल की जाती है, जब किसी मुजरिम की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है.
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साल 2012 का मामला
निर्भया गैंगरेप केस 16 दिसंबर 2012 का है. इस घटना को सात साल पूरे हो चुके हैं. सात साल पहले 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे.