निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में चारों दोषियों को मंगलवार 3 मार्च सुबह 6 बजे फांसी होनी है. फांसी के लिए सिर्फ आज का दिन शेष है लेकिन इससे पहले निर्भया के सभी दोषी कानूनी दांव चल रहे हैं, इससे फांसी पर असमंजस की स्थिति बरकरार है. इससे तमाम कानूनी अड़चने फांसी के रस्ते में हैं. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चारो दोषियों में से एक पवन गुप्ता (Pawan Gupta) की क्यूरेटिव पिटीशन (Curative Petition) पर सुनवाई होनी है. दोषी पवन ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की है. इससे पहले रविवार को दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि उसकी क्यूरेटिव पिटीशन की सुनवाई ओपन कोर्ट में हो." जस्टिस NV रमन्ना (Justice N V Ramana) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय बेंच पवन कुमार गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करेगी.
दोषी पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने बताया, पवन ने ओपन कोर्ट में सुनवाई की अपील की है. पवन का कहना है कि यह मौत की सजा का मामला है इसलिए सुनवाई ओपन कोर्ट में होनी चाहिए.पवन ने दायर याचिका में फांसी से राहत की गुहार लगाते हुए कहा है कि उसका पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया. इसके साथ फांसी से राहत पाने के लिए कई और तथ्य भी रखे हैं. यह भी पढ़ें- Nirbhaya Gangrape Case: दोषी अक्षय ने एक बार फिर लगाई दया याचिका, कहा- पुरानी पिटीशन में नहीं थे सभी तथ्य.
पवन गुप्ता ने की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग-
2012 Delhi gang-rape case: Supreme Court will today hear the curative petition filed by one of the death row convicts, Pawan Kumar Gupta, seeking commutation of his death penalty to life imprisonment. pic.twitter.com/21dMzK39qA
— ANI (@ANI) March 2, 2020
अपनी याचिका में दोषी पवन ने कहा है कि 16 दिसंबर, 2012 को जब निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई तब वह नाबालिग था. पवन के वकील एपी सिंह ने याचिका में मांग की है कि पवन के बारे में पूर्व के दिए गए आदेशों में उम्र संबंधी गलती को भी सुधारा जाना चाहिए उसकी मौत की सजा के स्थान पर आजीवन कारावास दिया जाना चाहिए.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुका है. फांसी से पहले निर्भया के गुनहगार कानूनी दांवपेंच के सहारे बचने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या इस बार भी निर्भया के दोषी फांसी से बच जाएंगे. दरअसल दोषियों की याचिकाएं अभी लंबित हैं. पवन की क्यूरेटिव पिटीशन के अलावा अक्षय की नई दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है. दोषी पवन ने अभी तक दया याचिका नहीं भेजी है.