नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) के चारों दोषियों (Convicts) को कल यानी 1 फरवरी को फांसी के फंदे लटकाया जाना था, लेकिन अब एक बार फिर निर्भया के गुनहगारों की फांसी टल गई है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने अगले आदेश तक दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक दोषियों की डेथ वारंट (Death Warrant) पर रोक लगा दी गई है. बता दें कि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब दोषियों की फांसी टली है. इससे पहले भी निर्भया के गुनहगारों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी देने की तारीख तय की गई थी, फिर कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए उन्हें फांसी देने के लिए 1 फरवरी की तारीख मुकर्रर की, लेकिन एक बार फिर से उनकी फांसी पर अगले आदेश तक रोक लग गई है.
एक बार फिर टली निर्भया के दोषियों की फांसी-
2012 Delhi gang-rape case: A Delhi Court stays execution of convicts till further orders pic.twitter.com/jdg28SSDmN
— ANI (@ANI) January 31, 2020
वहीं दूसरी बार दोषियों की फांसी टल जाने पर निर्भया की मां ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. आशा देवी ने कहा कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुझे चुनौती देते हुए कहा है कि दोषियों को कभी भी फांसी नहीं दी जाएगी. मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी. सरकार को दोषियों को फांसी देनी होगी.
मैं अपनी लड़ाई रखूंगी जारी- आशा देवी
Asha Devi, mother of the 2012 Delhi gang-rape victim: The lawyer of the convicts, AP Singh has challenged me saying that the convicts will never be executed. I will continue my fight. The government will have to execute the convicts. pic.twitter.com/NqihzqisQo
— ANI (@ANI) January 31, 2020
दरअसल, फांसी से बचने के लिए निर्भया के गुनहगार हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में दोषी पवन के वकील ने याचिका दायर की थी कि अपराध के समय पवन नाबालिग था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए पवन को नाबालिग मानने से इनकार कर दिया. जबकि पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को दोषी विनय की ओर से दाखिल याचिका में राष्ट्रपति कोविंद के पास दया याचिका लंबित होने के आधार पर फांसी पर रोक लगाने की अपील की गई थी. यह भी पढ़ें: Nirbhaya Gangrape Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी पवन की याचिका, नाबालिग मानने से किया इनकार
दोषियों के वकील का कहना है कि जेल नियम के अनुसार, एक ही जुर्म के लिए दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती. उन्हें एक साथ फांसी दी जा सकती है, इसलिए दोषियों की याचिकाओं के निपटारे तक डेथ वारंट पर रोक लगाई जानी चाहिए. दोषी पवन की याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि विनय की दया याचिका के निपटारे तक इंतजार करना होगा. दोषियों की फांसी टल जाने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति के पास लंबित दया याचिका पर आज कोई फैसला लिया जा सकता है.