
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में चारो दोषियों को 1 फरवरी को तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी है. तिहाड़ जेल में फांसी की तैयारियां चल रही हैं. लेकिन इस बीच दोषी भी फांसी से बचने की कोशिशों में जुटे हैं. निर्भया गैंगरेप मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक मुकेश ने राष्ट्रपति के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है. राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया का एक दोषी मुकेश सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. बता दें कि राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी.
मुकेश ने अपनी याचिका में कहा है कि उसकी दया याचिका पर राष्ट्रपति ने जल्दीबाजी में फैसला लिया. याचिका में मुकेश ने कहा, जिस तेजी से दया याचिका पर फैसला लिया गया. उससे लगता है कि राष्ट्रपति ने याचिका में लिखी बातों पर ठीक से विचार किये बिना उसे खारिज किया है.
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SC पहुंचा दोषी मुकेश-
2012 Delhi gang-rape case: Convict Mukesh Kumar Singh, has moved the Supreme Court challenging the rejection of mercy petition by President of India, says Vrinda Grover, lawyer for Mukesh Kumar Singh. pic.twitter.com/qPO6IRgL2L
— ANI (@ANI) January 25, 2020
इससे पहले शनिवार को निर्भया गैंगरेप केस में पटियाला हाउस कोर्ट में दो दोषियों की याचिका पर सुनवाई हुई. इसमें दोषियों के वकील ने तिहाड़ जेल से दया याचिका दाखिल करने के लिए जरूरी कागजात देने की मांग कोर्ट से की थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा दोषियों की मांग पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने वे सभी दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं जो दोषियों ने मांगे थे.
दोषियों के वकील ने पटियाला कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसमें कहा गया था कि तिहाड़ प्रशासन की वजह से दोषी विनय, पवन और अक्षय क्यूरेटिव और दया याचिका नहीं लगा पा रहे हैं. चारों दोषियों की फांसी का सिन करीब आ रहा है. इसी बीच दोषियों और उनके परिजनों के बीच मुलाकात का सिलसिला भी जारी है.
निर्भया गैंगरेप को सात साल पूरे
निर्भया गैंगरेप केस 16 दिसंबर 2012 का है. इस घटना को सात साल पूरे हो चुके हैं. सात साल पहले 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बर्बरता से रेप किया गया. गैंगरेप के बाद निर्भया की गंभीर हालत में सड़क पर फेंक दिया गया था. दिल्ली में इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट करके सिंगापुर ले जाया गया था. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था. 31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे.
इस मामले के 6 दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे सुधार गृह भेजा गया था. एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी. चार अन्य दोषियों- पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा की फांसी के लिए दूसरी बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है. इसमें फांसी की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर की गई है. पहले वॉरंट में यह तारीख 22 जनवरी तय की गई थी.