राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड में आज चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई. तिहाड़ जेल में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है. फांसी के बाद चारों दोषी- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. निर्भया के दोषियों को शुक्रवार तड़के तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद लंबे समय से पीड़िता को इंसाफ मिलने की राह देख रहे लोगों ने राहत की सांस ली. 19 मार्च की रात से तिहाड़ जेल के बाहर निर्भया के समर्थकों भीड़ इकठ्ठा होने लगी थी. फांसी की खबर के बाद वहां पर न्याय की मांग को लेकर जद्दोजहद करने वालों ने अपने खुशी का इजहार मिठाईयां बांट कर की. वहीं उत्तर प्रदेश के बलियां में ढोल बजा और लोगों ने डांस किया.
वहीं निर्भया की माँ आशा देवी ने कहा कि ये तो एक-एक पल का संघर्ष है और हम करेंगे. आखिरकार वो सुबह लटकेंगे। जब तक जिंदा हैं भाग लें. निर्भय के पिता बद्रीनाथ सिंह ने दोषियों को हुई फांसी के बाद विक्टरी का साइन दिखाते हुए कहा, आज हमारी जीत हुई और यह मीडिया, समाज, दिल्ली पुलिस की वजह से हुआ. आप मेरी मुस्कान से समझ सकते हैं कि मेरे दिल के अंदर क्या है. दूसरी ओर फांसी के बाद पवन जल्लाद को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल से मेरठ के लिए रवाना कर दिया गया है.
खुशियां मनाते लोग:-
Villagers in Uttar Pradesh's Ballia celebrate after 2012 Delhi gangrape convicts were hanged at Delhi's Tihar Jail early morning today. pic.twitter.com/vrq29n4fBX
— ANI (@ANI) March 20, 2020
उल्लेखनीय है कि मुकेश के साथ अन्य तीन दोषियों-अक्षय, पवन और विनय को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. इससे पहले एक निचली अदालत ने उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे चुनौती देते हुए मुकेश ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
निर्भया की मां आशा देवी ने दिखाया विक्ट्री का निशान:-
Delhi: Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim show victory sign after Supreme Court's dismissal of death row convict Pawan Gupta's plea seeking stay on execution. pic.twitter.com/FPDy0hgisv
— ANI (@ANI) March 19, 2020
एक बार जरुर जान लें 16 दिसंबर की उस रात क्या हुआ था
देश की राजधानी दिल्ली उस वक्त दहल गई थी जब 16 दिसंबर 2012 को एक चलती बस में 6 लोगों द्वारा वसंत विहार इलाके में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया ( बदला हुआ नाम) से गैंगरेप और बर्बरता की गई थी. उस समय मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर समेत अन्य दो के सिर पर सनक सवार थी. उन्होंने गैंग रेप के बाद निर्भया को जलती बस से निचे फेंक दिया था.
निर्भया के पिता ने फांसी के बाद कही ये बात:-
Delhi: Badrinath Singh, father of 2012 Delhi gang-rape victim shows victory sign, says, "Today is our victory and it happened because of media, society & Delhi police. You can understand what is inside my heart by my smile". pic.twitter.com/lGhzP2lPAV
— ANI (@ANI) March 20, 2020
दर्द से कराहती निर्भया जीना चाहती थी. लेकिन जख्म इतने गहरे थे उसने अपने प्राण त्याग दिए. ऐसा नहीं है कि निर्भया को बचाने के लिए समय प्रयास नहीं किया गया था. 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.