देश की बेटी निर्भया को 7 साल और 3 महीने बाद मिला इंसाफ, किसी ने दिखाया विक्ट्री का निशाना तो कहीं बटी मिठाईयां
दोषियों को सुबह 5.30 को दी गई फांसी ( फोटो क्रेडिट- ANI-PTI )

राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड में आज चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई. तिहाड़ जेल में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है. फांसी के बाद चारों दोषी- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. निर्भया के दोषियों को शुक्रवार तड़के तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद लंबे समय से पीड़िता को इंसाफ मिलने की राह देख रहे लोगों ने राहत की सांस ली. 19 मार्च की रात से तिहाड़ जेल के बाहर निर्भया के समर्थकों भीड़ इकठ्ठा होने लगी थी. फांसी की खबर के बाद वहां पर न्याय की मांग को लेकर जद्दोजहद करने वालों ने अपने खुशी का इजहार मिठाईयां बांट कर की. वहीं उत्तर प्रदेश के बलियां में ढोल बजा और लोगों ने डांस किया.

वहीं निर्भया की माँ आशा देवी ने कहा कि ये तो एक-एक पल का संघर्ष है और हम करेंगे. आखिरकार वो सुबह लटकेंगे। जब तक जिंदा हैं भाग लें. निर्भय के पिता बद्रीनाथ सिंह ने दोषियों को हुई फांसी के बाद विक्टरी का साइन दिखाते हुए कहा, आज हमारी जीत हुई और यह मीडिया, समाज, दिल्ली पुलिस की वजह से हुआ. आप मेरी मुस्कान से समझ सकते हैं कि मेरे दिल के अंदर क्या है. दूसरी ओर फांसी के बाद पवन जल्लाद को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल से मेरठ के लिए रवाना कर दिया गया है.

खुशियां मनाते लोग:- 

उल्लेखनीय है कि मुकेश के साथ अन्य तीन दोषियों-अक्षय, पवन और विनय को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. इससे पहले एक निचली अदालत ने उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे चुनौती देते हुए मुकेश ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

निर्भया की मां आशा देवी ने दिखाया विक्ट्री का निशान:- 

एक बार जरुर जान लें 16 दिसंबर की उस रात क्या हुआ था

देश की राजधानी दिल्ली उस वक्त दहल गई थी जब 16 दिसंबर 2012 को एक चलती बस में 6 लोगों द्वारा वसंत विहार इलाके में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया ( बदला हुआ नाम) से गैंगरेप और बर्बरता की गई थी. उस समय मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर समेत अन्य दो के सिर पर सनक सवार थी. उन्होंने गैंग रेप के बाद निर्भया को जलती बस से निचे फेंक दिया था.

निर्भया के पिता ने फांसी के बाद कही ये बात:- 

दर्द से कराहती निर्भया जीना चाहती थी. लेकिन जख्म इतने गहरे थे उसने अपने प्राण त्याग दिए. ऐसा नहीं है कि निर्भया को बचाने के लिए समय प्रयास नहीं किया गया था. 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.