Fake FASTags: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने आम जनता को ऑनलाइन बिक रहे फेक फास्टैग (FASTags) को लेकर आगाह किया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बीते महीने से सभी गाड़ियों पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है. जिन गाड़ियों में फास्टैग नहीं लगा होता है, उनसे दोगुना टोल वसूला जा रहा है. इस बीच नकली फास्टैग के कई मामले सामने आने के बाद एनएचएआई (NHAI) ने फास्टैग फ्रॉड से बचने के लिए विस्तृत जानकारी साझा की है. FASTag Compulsory: फास्टैग बनवाने को लेकर हो रहे हैं परेशान, यहां जानिए अपने सभी सवालों के जवाब
एनएचएआई ने बताया कि कुछ जालसाज ऑनलाइन नकली फास्टैग बेचकर लोगों को ठग रहे हैं, क्योकि ऐसे फास्टैग वैध नहीं होते है. यह नकली फास्टैग भी असली की तरह ही दीखते है. लेकिन टोल प्लाजा पर काम नहीं करते है, परिणामस्वरूप टोल प्लाजा पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
Don't fall for #FAKE. Be alert, Be informed!
Have a look at this detailed information on valid #FASTag purchase
(2/2) pic.twitter.com/q9rsO2TB4h
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 12, 2021
राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क संग्रह प्लाजा की सभी लेन को 15 फरवरी/16 फरवरी 2021 की आधी रात से "शुल्क प्लाजा की फास्टैग लेन" के रूप में घोषित कर दिया गया. राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 के अनुसार, कोई भी वाहन जिसमें फास्टैग नहीं लगा हुआ है अथवा, जिस वाहन में वैध, कार्यात्मक फास्टैग नहीं है, उसे शुल्क प्लाजा में प्रवेश करने पर उस श्रेणी के लिए निर्धारित शुल्क का दोगुना शुल्क के बराबर की राशि का भुगतान करना होगा.
परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने, प्रतीक्षा समय और ईंधन की खपत को कम करने और शुल्क प्लाजा के माध्यम से एक आसान और निर्बाध मार्ग प्रदान करने के लिए ऐसा किया गया है. मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 से प्रभावी होने के साथ मोटर वाहनों के एम एंड एन श्रेणियों में फास्टैग को फिट करने का आदेश दिया था.
श्रेणी एम का अर्थ है, यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कम से कम चार पहियों के साथ एक मोटर वाहन है. और श्रेणी एन का तात्पर्य है- एक मोटर वाहन जिसमें सामान ले जाने के लिए कम से कम चार पहिए हैं और जो सामान के अलावा व्यक्तियों को भी ले जा सकते हैं. (एजेंसी इनपुट के साथ)