मणिपुर में हिंसा की नई लहर, हमले में पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले साल मैतेई और कुकी समुदाय के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा अब उग्र रूप ले रही.

देश Deutsche Welle|
मणिपुर में हिंसा की नई लहर, हमले में पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले साल मैतेई और कुकी समुदाय के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा अब उग्र रूप ले रही. आरोप है कि संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने ड्रोन हमले किए हैं.मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में 1 सितंबर को ड्रोन से हमले का मामला सामने आया है. मणिप%A4%B0%2C+%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A5%87+%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82+%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A5%80+%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B0+%E0%A4%A1%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%A8+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%87%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B2', 900, 500);" href="javascript:void(0);" title="Share on Facebook">

देश Deutsche Welle|
मणिपुर में हिंसा की नई लहर, हमले में पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले साल मैतेई और कुकी समुदाय के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा अब उग्र रूप ले रही. आरोप है कि संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने ड्रोन हमले किए हैं.मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में 1 सितंबर को ड्रोन से हमले का मामला सामने आया है. मणिपुर पुलिस के मुताबिक, संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने ड्रोन का इस्तेमाल कर विस्फोटक गिराए और सुरक्षा बलों पर घातक हमला किया. पुलिस ने इसे अशांत पूर्वोत्तर क्षेत्र में जारी हिंसा में "गंभीर वृद्धि" बताया है.

मणिपुर में सुरक्षाबलों पर बढ़ रहे हैं हमले

इस हमले में 31 साल की एक महिला नगामबम सुरबाला की मौत हो गई. उनकी आठ साल की बेटी के हाथ में चोट लगी है. इसके अलावा दो पुलिसकर्मी और तीन नागरिकों भी घायल हुए हैं.

जानकारी के अनुसार, संबंधित गोलीबारी और बमबारी 1 सितंबर की दोपहर 2.30 बजे मैतई बहुल इंफाल पश्चिम जिले के कौत्रुक और कडांगबंद गांवों में शुरू हुई. यह इलाका कुकी बहुल पहाड़ी जिले कांगपोकपी से सटा हुआ है. यह क्षेत्र बीते एक साल से चल रहे रहे संघर्ष में सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है, जहां गोलीबारी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं.

कौत्रुक और कडांगबंद गांवों पर ताजा हमला कुकी-जो समुदाय के लिए अलग प्रशासन की मांग को लेकर कुछ पहाड़ी जिलों में रैलियां निकाले जाने के एक दिन बाद हुआ. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा था कि कुकी-जो समुदाय की अलग प्रशासन की मांग नहीं मानी जाएंगी और उन्होंने शांति का आश्वासन दिया था.

फायरिंग और ड्रोन से हमला

मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "इंफाल पश्चिम के कौत्रुक में एक अभूतपूर्व हमले में कथित कुकी विद्रोहियों ने उच्च तकनीक वाले ड्रोन के इस्तेमाल से कई रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) लगाए थे. इन ड्रोन बमों का इस्तेमाल आमतौर पर युद्धों में किया जाता रहा है. सुरक्षाबलों और नागरिकों के खिलाफ विस्फोटक लगाने के लिए ड्रोन का इस्‍तेमाल एक बड़ा बदलाव है."

बयान में आगे कहा गया, "इसमें तकनीकी विशेषज्ञता और उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों की भागीदारी से इनकार नहीं किया जा सकता है. अधिकारी स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और पुलिस किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है." मणिपुर पुलिस ने आम लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है.

जातीय हिंसा की सबसे बड़ी शिकार हैं मणिपुरी महिलाएं

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा की चिंगारी

मणिपुर सरकार के गृह विभाग ने भी एक बयान जारी कर ताजा हिंसा को "निहत्थे ग्रामीणों को आतंकित करने की कार्रवाई" बताया है. बयान में कहा गया, "कुकी उग्रवादियों द्वारा निहत्थे ग्रामीणों के बीच भय पैदा करने की ऐसी हरकत को राज्य सरकार द्वारा शांति स्थापित करने के प्रयासों को पटरी से उतारने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. ऐसी गतिविधियों की कड़ी निंदा की जाती है. राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने और कौत्रुक गांव पर हमले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है."

अंग्रेजी अखबार 'हिंदू' के मुताबिक, इन गांवों के लोगों ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों ने हमले के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करके बम गिराए. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए घटना के एक कथित वीडियो में लोग छिपने के लिए भागते नजर आ रहे हैं. एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "ड्रोन बमबारी शुरू हो गई है."

मणिपुर में कैसे भड़की थी हिंसा

मणिपुर की लगभग 38 लाख की आबादी में आधे से ज्यादा मैतेई समुदाय के लोग हैं. इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है. मणिपुर हाईकोर्ट ने पिछले साल एक फैसला दिया जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश की थी.

मैतेई और कुकी तबके के बीच पुल बने हैं मैतेई मुसलमान

उसी के बाद मणिपुर में मैतेई को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में 3 मई 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) मणिपुर ने एक रैली निकाली, जो बाद में हिंसक हो गई.

मैतेई समुदाय के लोगों की दलील है कि 1949 में भारतीय संघ में विलय से पूर्व उनको अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त था. नगा और कुकी जनजाति इस समुदाय को आरक्षण देने के खिलाफ हैं.

उन्हें आशंका है कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने से जनजातियों को और दिक्कत होगी. मौजूदा कानून के अनुसार मैतेई समुदाय को राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है.

रिपोर्टों के मुताबिक, 3 मई 2023 को पहली बार भड़की जातीय हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा लोग मारे गए और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं. ज्यादातर विस्थापित लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं.

IPL Auction 2025 Live
IPL Auction 2025 Live
शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
View all
Currency Price Change