गांधी उपनाम के सहारे नेहरू-गांधी परिवार ने चलाई अपनी राजनीतिक दुकान : भाजपा
भाजपा ने कांग्रेस आलाकमान (नेहरू - गांधी ) परिवार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि महात्मा गांधी की इच्छा के विपरीत गांधी उपनाम के सहारे नेहरू-गांधी परिवार ने अपनी राजनीतिक दुकान चलाई है.
नई दिल्ली, 9 नवंबर : भाजपा ने कांग्रेस आलाकमान (नेहरू - गांधी ) परिवार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि महात्मा गांधी की इच्छा के विपरीत गांधी उपनाम के सहारे नेहरू-गांधी परिवार ने अपनी राजनीतिक दुकान चलाई है. भाजपा ने विपक्षी गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे अपने 'घमंडिया फाइल्स' अभियान के तहत गुरुवार को 13 वां एपिसोड जारी कर यह आरोप लगाया. भाजपा ने कहा, "महात्मा गांधी ने 'कांग्रेस मुक्त भारत' का सपना देखा था. वह कांग्रेस को भंग करना चाहते थे, लेकिन राजनीतिक महात्वाकांक्षा रखने वाले नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया. घमंडिया फाइल्स के एपिसोड 13 में देखिए, कैसे गांधी उपनाम के सहारे नेहरू-गांधी परिवार ने अपनी राजनीतिक दुकान चलाई."
भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर घमंडिया फाइल्स के एपिसोड 13 के तहत 3 मिनट 52 सेकंड का वीडियो जारी कर कहा, "कांग्रेस को परिवारवाद पसंद है. महात्मा गांधी के उपनाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान चलाने वाले नेहरू गांधी परिवार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ही नहीं बल्कि पूरे देश को धोखे में रखा. महात्मा गांधी ने कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखा था. वह चाहते थे कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाए लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं रखने वाले जवाहरलाल नेहरू ने गांधी की इच्छा पर अपने सपनों को सर्वोपरि रखा और फिर शुरू हुआ नेहरू गांधी परिवार की वंश बेल का खेल. कांग्रेस अध्यक्ष पद से लेकर प्रधानमंत्री पद तक नेहरू गांधी परिवार ने खुद को ही तवज्जो दी. कांग्रेस में इस परिवार ने किसी नेता का कद बढ़ने ही नहीं दिया और कांग्रेस को एक फ्रेंचाइजी की तरह चला कर रखा. इन्होंने देश में ऐसा माहौल बनाया कि लगने लगा कि नेहरू गांधी परिवार के बिना कांग्रेस का कोई वजूद ही नहीं है. कांग्रेस आज भी मोतीलाल नेहरू के बने रास्ते पर ही चल रही है जिन्होंने पुत्र मोह में जवाहरलाल नेहरू को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को हाशिये पर डालने की कोशिश की थी और फिर वही कांग्रेसी परंपरा बन गई. आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद अपने पास रखा." यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट का सभी उच्च न्यायालयों को सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों की निगरानी के लिए स्वत: संज्ञान लेने का आदेश
भाजपा ने अपने वीडियो में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा. वीडियो में सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने और राहुल गांधी के पहले महासचिव और फिर अध्यक्ष बनने के प्रकरण का भी जिक्र किया गया और मनमोहन सिंह को रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री बताया गया है. भाजपा ने कांग्रेस के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को कठपुतली अध्यक्ष बताते हुए कहा, "साल 2022, कांग्रेस में 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई कांग्रेसी अध्यक्ष नियुक्त हुआ. मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष बने तो जरूर, लेकिन वह भी सिर्फ कठपुतली अध्यक्ष ही साबित हुए. योग्यता पर परिवार को आगे रखना, यही गांधी परिवार की हमेशा से मंशा रही है, तभी तो गांधी परिवार के चिराग राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है. घमंडिया गठबंधन में शामिल ज्यादातर राजनीतिक दल अपने परिवार को बचाने निकले हैं और कांग्रेस उसी घमंडियां गठबंधन की अगुआ पार्टी है. क्योंकि हो सकता है कि आने वाले समय में कांग्रेस की परिवारवादी बेल नेहरू-गांधी परिवार से निकलकर गांधी-वाड्रा परिवार में बदल जाए."