मुंबई: देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने जहां अमित शाह पर निशाना साधते हुए शनिवार को पुणे में कहा कि आर्थिक संकट से लोगों का ध्यान भटकने के लिए यह कानून लाया गया. वहीं इस कानून को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार का भी एक बयान आया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एनआरसी लाने की बात कह देश के सामने मौजूद गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास किया जा रहा है. सीएए को लेकर उन्होंने कहा कि इस कानून से देश की धार्मिक, सामाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा जो एक तरफ से लोगों को आहत करेगा.
सीएए और एनआरसी पर शरद पवार अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक ही नहीं, जो कोई भी इस देश की एकता और प्रगति के बारे में सोचता है वह इसका विरोध कर रहे है. पवार ने केंद्र से सवाल करते हुए कहा कि सीएए के तहत सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही क्यों शामिल किया गया. इस कानून में श्रीलंका के तमिलों को नहीं शामिल किया गया. यह भी पढ़े: नागरिकता संशोधन कानून पर 30 दिसंबर को BJP की बैठक, पार्टी के सभी महासचिव होंगे उपस्थित
NCP Chief Sharad Pawar: Why allow migrants only from Pakistan, Bangladesh and Afghanistan, under Citizenship Act? Why not from Sri Lanka also? pic.twitter.com/BC4t6AbfSC
— ANI (@ANI) December 21, 2019
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून लाने के बाद से ही पूर्वोतर के राज्यों के साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश के साथ बिहार जल रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को देखा गया कि लोग इस कानून के विरोध में सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ, कानपुर, बरेली, भदोही, जौनपुर, गोरखपुर, मऊ जैसे प्रमुख जिलों में विरोध प्रदर्शन हुआ. लोग सड़कों पर उतर कर मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने हुए सरकारी सम्पत्ति को नुकसान भी पहुचाया. ये बात है कि पुलिस ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद लोगों को हिरासत में लिए है.