Navy Day 2019: 4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है नेवी डे, जानें इस दिवस का महत्व और भारतीय नौसेना का गौरवशाली इतिहास
नौसेना दिवस (Photo Credits: ANI)

Navy Day 2019: भारतीय नौसेना (Indian Navy) के गौरवशाली इतिहास (Indian Navy History) और इसके महत्व से रूबरू कराने के लिए हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस (Navy Day) मनाया जाता है. नौसेना दिवस को साल 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी नौसेना पर भारतीय नौसेना (India-Pakistan War) की साहसिक जीत की खुशी में मनाया जाता है. इस दिन नौसेना के जाबाजों को याद किया जाता है. दरअसल, 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने भारतीय हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया था. जिसके बाद पाकिस्तान की इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाने पर लेते हुए भारतीय नौसेना ने 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' (Operation Trident) चलाया था.

इस ऑपरेशन में पहली बार जहाज पर मार गिराने वाली एंटी शिप मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था. भारतीय नौसेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई जहाज और ऑयल टैंकर तबाह हो गए थे. इन ऑयल टैंकरों में लगी आग की लपटों को कई किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था. बताया जाता है कि कराची के ऑयल डिपो में आग की लपटें लगातार सात दिनों तक उठती रहीं.

नौसेना दिवस 4 दिसंबर को ही क्यों?

साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की शक्ति और बहादुरी को याद करते हुए हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है. ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत 4 दिसंबर 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोला था और उस पर विजय प्राप्त की थी. इस ऑपरेशन की सफलता का जश्न मनाने के लिए ही 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ी, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का अरब सागर में सफल परीक्षण किया

भारतीय नौसेना का इतिहास

भारतीय नौसेना के इतिहास पर गौर फरमाएं तो भारतीय सेना के सामुद्रिक अंग कहे जाने वाले भारतीय नौसेना की स्थापना सन 1612 में हुई थी. 5 सितंबर 1612 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने समुद्री डकैतों और प्रतिद्वंदियों से अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए एक छोटे से समुद्री रक्षक बेड़े का गठन किया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के मरीन नाम से जाना गया. यह बेड़ा गुजरात स्थित सूरत के करीब स्वाली में तैनात था. हालांकि इसके बाद इसके नामों में कई बार परिवर्तन हुए और आखिरी बार 26 जनवरी 1950 को इसका नाम बदलकर इंडियन नेवी यानी भारतीय नौसेना रखा गया.

भारतीय नौसेना का सफर -

  • 5 सितंबर 1612 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने जिस समुद्री रक्षक बेड़े का गठन किया था, उसे शुरुआती दौर में  ईस्ट इंडिया कंपनी के मरीन नाम से जाना जाता था.
  • सन 1686 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यवसाय बंबई स्थानांतरित हो गया. ऐसे में इस सेना का नाम बदलकर 'बॉम्बे मरीन' रख दिया गया.
  • साल 1830 में बॉम्बे मरीन का नाम बदलकर 'इंडियन नेवी' कर दिया गया था, जबकि साल 1877 में इसे 'हर मजेस्टी इंडियन नेवी' के नाम से जाना जाने लगा.
  • इसके बाद साल 1892 में एक बार फिर इस सेना का नाम बदलकर 'रॉयल इंडियन मरीन' रखा गया. फिर साल 1934 में इस सेना को 'रॉयल इंडियन नेवी' में संगठित कर दिया गया.
  • आखिर में भारत की आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को 'रॉयल इंडियन नेवी' से रॉयल टाइटल को हटाकर इसे 'इंडियन नेवी' नाम दिया गया. यह भी पढ़ें: बिहार की बेटी शिवांगी ने देश का सिर किया ऊंचा, बनीं भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट

गौरतलब है कि 26 जनवरी 1950 को आखिरी बार इस सेना के नाम में परिवर्तन किया गया था और तब से लेकर अब तक इस सेना को भारतीय नौसेना यानी इंडियन नेवी के नाम से जाना जाता है. नौसेना दिवस पर भारतीय नौसेना के गौरवशाली इतिहास और इसके महत्व को लोगों को रूबरू कराया जाता है. इसके साथ ही भारतीय नौसेना के जाबाजों को याद किया जाता है.