नवजोत सिंह सिद्धू को जेल में मिला क्लर्क का काम, दो शिफ्ट में लगती है ड्यूटी
34 साल पुराने रोडरेज मामले में 1 साल की सजा काट रहे पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू को जेल में क्लर्क काम के लिए सहायक नियुक्त किया गया है. नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल में सजा काट रहे हैं और उन्हें पटियाला सेंटर जेल में जेल अथॉरिटी द्वारा सहायक का काम सौंपा गया है.
चंडीगढ़: 34 साल पुराने रोडरेज मामले में 1 साल की सजा काट रहे पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को जेल में क्लर्क काम के लिए सहायक नियुक्त किया गया है. नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल में सजा काट रहे हैं और उन्हें पटियाला सेंटर जेल में जेल अथॉरिटी द्वारा सहायक का काम सौंपा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार से ही सिद्धू ने अपना काम करना शुरू कर चुके हैं. Punjab: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला जेल की बैरक संख्या 10 में रखा गया, पहली रात खाना नहीं खाया.
सिद्धू यह नौकरी दो पालियों में करेंगे. पहले सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर के 3 बजे से शाम के 5 बजे तक. जेल के नियमों के अनुसार सिद्धू को पहले तीन महीने बिना वेतन के ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद उन्हें अकुशल, अर्ध-कुशल व कुशल कैदी की श्रेणी में रखा जाएगा.
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू को सोमवार सुबह भारी सुरक्षा के बीच स्वास्थ्य जांच के लिए पटियाला के राजिंद्र अस्पताल ले जाया गया था. सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि सिद्धू ने जेल में विशेष आहार की मांग की है. वकील के मुताबिक, सिद्धू गेहूं, चीनी, मैदा और कुछ अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, ''वह जामुन, पपीता, अमरूद, डबल टोंड दूध और ऐसे खाद्य पदार्थ ले सकते हैं, जिनमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट न हो.''
सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि 58 वर्षीय सिद्धू 'एम्बोलिज्म' और यकृत की बीमारी से पीड़ित हैं. वर्ष 2015 में उन्होने दिल्ली के एक अस्पताल में एक्यूट डीप वेन थ्रम्बोसिस (डीवीटी) का इलाज भी कराया था. डीवीटी नस में रक्त के थक्के जमने के कारण होता है, जो रक्त प्रवाह में बाधा डालते हैं.