कर्ज संकट से जूझ रही कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) ने सोमवार को बताया कि उसके गैर-कार्यकारी और गैर-स्वतंत्र निदेशक नसीम जैदी (Nasim Zaidi) ने व्यक्तिगत कारणों और समय की कमी का हवाला देते हुए बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त और नागर विमानन विभाग के पूर्व सचिव अगस्त 2018 में जेट एयरवेज से जुड़े थे. उधर, न्यूज एजेंसी एएनआई ने रॉयटर्स के हवाले से बताया कि जेट एयरवेज के शेयर 23.2 फीसदी नीचे चले गए जो कि पिछले एक दशक में सबसे कम है. इससे पहले 14 अप्रैल को जेट एयरवेज ने बताया था कि उसके स्वतंत्र निदेशक राजश्री पाथी ने कंपनी छोड़ दी है. इस दौरान जेट एयरवेज ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा, ‘...राजश्री पाथी ने कंपनी के स्वतंत्र निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा 13 अप्रैल से प्रभाव में आया. उन्होंने समय की कमी और अन्य मौजूदा प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए पद छोड़ा है.
Reuters: Jet Airways shares down 23.2 percent, at their lowest in a decade
— ANI (@ANI) April 22, 2019
वहीं, 25 मार्च को जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल ने जेट के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था. इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जेट एयरवेज के मामले पर गौर करने का भरोसा दिया है. कंपनी के मुख्य कार्यकारी विनय दुबे ने शनिवार को यह जानकारी दी. जेट एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने जेटली से कहा कि कंपनी पैसे की कमी के कारण डूब रही है और 23 हजार लोगों की आजीविका खतरे में जा रही है. यह भी पढ़ें- जेट एयरवेज के कर्जदाता हिस्सेदारी बेचने को लेकर आश्वस्त, विफल होने पर वैकल्पिक योजना भी तैयार
नेशनल एविएटर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष असीम वालियानी ने कहा कि हमने वित्तमंत्री को कंपनी की खराब होती स्थिति के बारे में बताया. हमने उन्हें कहा कि बोली की प्रक्रिया को तेज करने और कंपनी को राशि मुहैया कराने की जरूरत है. जेटली बिक्री की प्रक्रिया को लेकर हमारी मांग से सहमत हुए. उन्होंने यह भी कहा कि वह बैंकों से बात करेंगे.’
भाषा इनपुट