केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि टिड्डी समस्या से निपटने के लिए सरकार प्रयासरत है और काफी हद तक सफलता मिली भी है. उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए ब्रिटेन से नई मशीनें भी मंगाई जा रही हैं, जिनका आर्डर दिया जा चुका है. देश के पश्चिमी सीमावर्ती इलाके में फसलों पर टिड्डियों के हमले फिर शुरू हो गए हैं, जिससे किसानों को निजात दिलाने के लिए कृषि मंत्रालय में लगातार रणनीति तैयार की जा रही है. इसी सिलसिले में बुधवार को केंद्रीय मंत्री ने कीटनाशक कंपनियों के प्रमुखों और अन्य प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत की. तोमर ने कहा कि कृषि का क्षेत्र देश में प्राथमिकता का क्षेत्र है, जिसमें मोदी सरकार कोई परेशानी नहीं आने देगी. उन्होंने कहा, "राज्य सरकारों व जिला प्रशासन के सहयोग से सरकार टिड्डी समस्या से निपटने के लिए पूरे प्रयत्न कर रही है, जिसमें काफी हद तक सफलता मिली है. ब्रिटेन से नई मशीनें भी आ जाएंगी, जिनका आर्डर दिया जा चुका है." इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री परषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी के साथ-साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
तोमर ने कहा, "कृषि मंत्रालय ने टिड्डी समस्या को लेकर अनेक कदम उठाए हैं. यह ज्वलंत विषय है. लंबे अरसे बाद पिछले साल टिड्डी दलों का हमला हुआ, तो सभी लोग एकाएक घबरा गए, लेकिन संतोष की बात है कि किसानों के साथ ही हम-सबने मिलकर इससे मुकाबला किया और टिड्डी दलों को मारकर नुकसान रोकने की कोशिश की गई. जिन किसानों को नुकसान हुआ, केंद्र एनडीआरएफ से मदद दे रहा है." टिड्डियों के आंतक से निपटने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना दुनियाभर में हो रही है. उन्होंने आगे कहा, "युद्धस्तर पर हमारे सामूहिक प्रयत्नों के कारण दुनिया में भारत की प्रशंसा हुई. कीटनाशक कंपनियों का भी इसमें योगदान रहा." वीडियो कांफ्रेसिंग में कीटनाशक कंपनियों के प्रमुखों व प्रतिनिधियों ने सुझाव दिए. इन्होंने अलग-अलग क्षेत्र तय करने के भी सुझाव दिए, ताकि सभी को सुविधा हो, और इस पर मंत्री ने सहमति जताई. सभी कंपनियों ने अपने सीएसआर व अन्य संसाधनों के उपयोग संबंधी आश्वासन दिए और बताया कि वे राज्य सरकारों तथा कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मिलकर इस समस्या को नियंत्रित करने हेतु हरसंभव प्रयास करेंगे.
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर व नागौर जिले तथा पंजाब के फाजिल्का में डेढ़ सौ जगह 14,300 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण किया गया है. वर्तमान में श्रीगंगानगर, फलौदी (जोधपुर), बाड़मेर, अजमेर व नागौर जिलों में टिड्डियों का झुंड सक्रिय है.