नरेंद्र मोदी फिर बनेंगे प्रधानमंत्री या नहीं? जानें क्या कहती है उनकी कुंडली

पं. लक्ष्मीनारायण का कहना है कि मोदी जी की कुंडली बताती है कि उनके ऊपर कर्मेश चंद्रमा की महादशा चल रही है जो कि 10 जुलाई 2022 तक बरकरार रहेगी

पीएम मोदी (File Photo: IANS)

देश के तमाम ज्योतिषियों के साथ-साथ जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी ने भी भविष्यवाणी की है कि 2019 में लोकसभा चुनाव के पश्चात भारतीय जनता पार्टी न केवल बहुमत से जीतेगी बल्कि एक बार फिर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभालेंगे. उनके अलावा अयोध्या के सुविख्यात ज्योतिषाचार्य श्री हरिदयाल मिश्रा जिनके बारे में कहा जाता है कि राजीव गांधी एवं संजय गांधी के असामयिक मृत्यु की सटीक भविष्यवाणी भी उन्होंने की थी. आज वे भी मानते हैं 2019 के चुनाव के पश्चात नरेंद्र मोदी के ग्रह बताते हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता.

ऐसे ही गुरूग्राम के एक ज्योतिषाचार्य और शिव मंदिर के पुजारी पंडित लक्ष्मी नारायण जी ने भी नरेंद्र मोदी की कुण्डली की जांच करने के पश्चात पाया कि नरेंद्र मोदी ही देश के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. आइये जानें उनके इस भविष्यवाणी के पीछे ठोस तर्क क्या है.

फिलहाल मोदी जी पर दूसरा कोई राज नहीं कर सकता

‘नरेंद्र दामोदर मोदी जी का जन्म 17 सितंबर 1950 की सुबह 10:15 बजे मेहसाणा (गुजरात) में हुआ था.’ श्री मोदी जी के बारे में अगर यह जानकारी सही है तो इसके आधार पर तैयार कुण्डली इस बात को दर्शाती है कि नरेंद्र मोदी जी एक बार फिर प्रधानमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं. उनके बारे में प्राप्त तथ्यों के आधार पर हमने उनकी जो कुण्डली तैयार की है, उसके अनुसार वह तुला लग्न और वृश्चिक राशि की है. वह अनुराधा नक्षत्र में जन्में हैं. उनकी कुंडली में गुरु और चंद्रमा जैसे दो बड़े ग्रहों का योग बन रहा है. ऐसा ग्रह संयोग विरले को ही प्राप्त होता है. मैंने राहुल गांधी अथवा मायावती जी की कुँडली नहीं देखी है, इसके बावजूद मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि नरेंद्र मोदी को पछाड़ने का योग विपरीत पार्टी के पास नहीं है. उनके ग्रह इतने शक्तिशाली हैं कि उनके ऊपर कोई दूसरा व्यक्ति राज कर ही नहीं सकता.

क्या कहता है मोदी के ग्रहों का योग

लक्ष्मीनारायण जी मोदी जी की कुण्डली में ग्रहों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहते हैं कि उनके उच्च का बुध वक्री और भाग्य का स्वामी होकर, वह सूर्य और केतु के साथ 12वें भाव में है, जबकि पंचम भाव का स्वामी शनि शुक्र के साथ संगठित होकर एकादश भाव में स्थित है. पराक्रम भाव का स्वामी गुरु पंचम के भाव में है, एवं छठे भाव में राहु और बारहवें भाव का केतु कुंडली में योग बना रहा है । अरिष्ट नाशक (यानी उनके ऊपर कोई नहीं) योग के कारण नरेंद्र दामोदर मोदी जी अपने रास्ते में आने वाले सारे विघ्नों को पार करते हुए यहां तक पहुंचे हैं और आगे भी उनके रास्ते खुले हुए हैं. उनकी सफलता की एक वजह यह कि उन्हें अपने ग्रहों के बारे में पूर्णत जानकारी है. और थोड़ी बहुत जो कमियां हैं, उन्हें वे पूजा अनुष्ठान से अपने अनुकूल बना लेते हैं.

पं. लक्ष्मीनारायण का कहना है कि मोदी जी की कुंडली बताती है कि उनके ऊपर कर्मेश चंद्रमा की महादशा चल रही है जो कि 10 जुलाई 2022 तक बरकरार रहेगी.

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