बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (Muzaffarpur Shelter Home) में अनेक लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न और यौन हिंसा से जुड़े मामले में आने वाले फैसला एक बार फिर टल गया है. दरअसल, इस मामले दिल्ली (Delhi) की एक अदालत द्वारा गुरुवार को फैसला सुनाए जाने की संभावना थी लेकिन संबंधित जज (Judge) के अनुपस्थित रहने की वजह से इसे टाल दिया गया है. अब इस मामले में फैसला 14 जनवरी 2020 को सुनाया जाएगा. इस मामले में फैसला एक बार पहले भी टाला जा चुका है. दरअसल, नवंबर में वकीलों की हड़ताल के चलते दिल्ली की एक अदालत ने अपना निर्णय एक महीने के लिए टाल दिया था.
कोर्ट ने पूर्व में बलात्कार और यौन हिंसा के मामले में 20 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे. आरोपियों में आठ महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं. शेल्टर होम चलाने वाला ब्रजेश ठाकुर मामले में मुख्य आरोपी है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट के बाद प्रकाश में आया था. यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस पर बोले तेजस्वी यादव- बिहार में चल रहा 'राक्षस राज', नीतीश सरकार को बर्खास्त करें राज्यपाल.
Muzaffarpur shelters home case: The pronouncement of judgement is now to be passed on 14th January, 2020.
Earlier, it was scheduled to be passed today but due to the unavailability of the concerned judge, it has been deferred. #Bihar
— ANI (@ANI) December 12, 2019
कोर्ट ने मामले में सीबीआई के वकील और आरोपियों की दलीलें पूरी होने के बाद 30 सितंबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट 26 मई 2018 को बिहार सरकार को दी गई थी जिसमें शेल्टर होम में लड़कियों से कथित यौन दुराचार को रेखांकित किया गया.
पिछले साल 29 मई को बिहार सरकार ने लड़कियों को संबंधित आश्रयगृह से अन्यत्र भेज दिया था. 31 मई 2018 को मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई. इसके बाद शीर्ष अदालत ने दो अगस्त को मामले का संज्ञान लेते हुए इसे 28 नवंबर को जांच के लिए सीबीआई को भेज दिया था.