चलती ट्रेन में मुस्लिम महिला ने दिया बेटी को जन्म, बच्ची का नाम रखा महालक्ष्मी, यहां पढ़ें पूरी कहानी
मीरा रोड की 31 वर्षीय महिला फातिमा खातून ने 6 जून को कोल्हापुर-मुंबई महालक्ष्मी एक्सप्रेस में एक लड़की को जन्म दिया, जब ट्रेन लोनावला स्टेशन से गुजर रही थी. इस दौरान फातिमा खातून के पति तैय्यब ने ट्रेन के नाम पर बच्ची का नाम महालक्ष्मी रखने का फैसला किया है.
मीरा रोड की 31 वर्षीय महिला फातिमा खातून ने 6 जून को चलती ट्रेन में बाटी को दिया जन्म. दरअसल, कोल्हापुर-मुंबई महालक्ष्मी एक्सप्रेस में फातिमा खातून ने एक लड़की को जन्म दिया, जब ट्रेन लोनावला स्टेशन से गुजर रही थी. इस दौरान फातिमा खातून के पति तैय्यब ने ट्रेन के नाम पर बच्ची का नाम महालक्ष्मी रखने का फैसला किया है. यह भी पढ़ें: Bihar News: बिहार के किशनगंज में महिला ने 5 बच्चों को दिया जन्म, डॉक्टर से लेकर परिजन तक सभी हैरान
तैय्यब ने कहा, "तिरुपति से कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर तक यात्रा करने वाले कुछ सह-यात्रियों ने कहा कि इस ट्रेन में मेरी बेटी का जन्म देवी के दर्शन करने जैसा था. इसलिए मैंने उसका नाम महालक्ष्मी रखने का फैसला किया". बता दें की दंपति के पहले से ही तीन बेटे हैं. चूंकि फातिमा की डिलीवरी की तारीख 20 जून थी, इसलिए परिवार ने 6 जून को कोल्हापुर से मुंबई तक ट्रेन से यात्रा करने का फैसला किया.
तैय्यब ने बताया, "इंजन फेल होने के कारण ट्रेन लोनावला में दो घंटे से अधिक समय तक रुकी रही. जब यह रात 11 बजे के आसपास फिर से शुरू हुई, तो मेरी पत्नी ने पेट में दर्द की शिकायत की और शौचालय चली गई. जब वह काफी देर तक वापस नहीं लौटी, तो मैंने उसकी जांच की और पाया कि उसने बच्चे को जन्म दे दिया है। महिला यात्री हमारी मदद के लिए आईं."
"तिरुपति से कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर तक यात्रा करने वाले कुछ सह-यात्रियों ने कहा कि इस ट्रेन में मेरी बेटी का जन्म देवी के दर्शन करने जैसा था. इसलिए मैंने उसका नाम महालक्ष्मी रखने का फैसला किया," तैय्यब ने कहा, जिन्होंने अपनी पत्नी और नवजात शिशु को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए कर्जत सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की त्वरित कार्रवाई की सराहना की.
खबर के अनुसार, दंपति के पहले से ही तीन बेटे हैं. चूंकि फातिमा की डिलीवरी की तारीख 20 जून थी, इसलिए परिवार ने 6 जून को कोल्हापुर से मुंबई तक ट्रेन से यात्रा करने का फैसला किया. तैय्यब ने कहा: "इंजन फेल होने के कारण ट्रेन लोनावला में दो घंटे से अधिक समय तक रुकी रही. जब यह रात 11 बजे के आसपास फिर से शुरू हुई, तो मेरी पत्नी ने पेट में दर्द की शिकायत की और शौचालय चली गई. जब वह काफी देर तक वापस नहीं लौटी, तो मैंने उसकी जांच की और पाया कि उसने बच्चे को जन्म दे दिया है. महिला यात्री हमारी मदद के लिए आईं."
इस दौरान ट्रेन में जीआरपी कांस्टेबल ने तैय्यब को जीआरपी हेल्पलाइन पर कॉल करने और उन्हें स्थिति के बारे में बताने की सलाह दी। जब ट्रेन कर्जत स्टेशन पर पहुंची, तो परिवार उतर गया.
कर्जत जीआरपी के एपीआई मुकेश ढांगे ने कहा, "हमने कर्जत उप जिला अस्पताल को सूचित किया और नर्स शिवांगी सालुंके और कर्मचारी स्टेशन पहुंचे. महिला और बच्चे को तुरंत आगे के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया." अस्पताल की सहायक मेट्रन सविता पाटिल ने बताया कि तीन दिन के उपचार के बाद मां और बच्चे को छुट्टी दे दी गई है