Mumbai Local Train Safety Boost: मुंबई लोकल ट्रेन में लगेगा 'कवच', 2026 के अंत तक सफर होगा और भी सुरक्षित
मुंबई में पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनों को 2026 के अंत तक 'कवच' एंटी-कोलिजन सिस्टम से लैस किया जाएगा. यह 'मेड इन इंडिया' तकनीक पुराने AWS सिस्टम की जगह लेगी और सिग्नल जंपिंग जैसी मानवीय भूलों को रोककर हादसों को टालने में मदद करेगी. इस कदम से लाखों यात्रियों के लिए लोकल ट्रेन का सफर पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा.
मुंबई: मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में सफर करने वाले लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. पश्चिम रेलवे (Western Railway) ने फैसला किया है कि 2026 के अंत तक मुंबई की सभी लोकल ट्रेनों में 'कवच' नाम का एक एडवांस सेफ्टी सिस्टम लगाया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि इससे सफर पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित हो जाएगा.
क्या है 'कवच' सिस्टम?
'कवच' भारत में ही बनाया गया एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है. इसे 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत विकसित किया गया है. यह एक तरह का ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम है, जो ट्रेनों को आपस में टकराने से बचाता है. फिलहाल इसे दिल्ली-मुंबई जैसे कुछ बड़े रूटों पर लगाया जा रहा है.
पुराने सिस्टम से कैसे बेहतर है 'कवच'?
अभी पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनों में सुरक्षा के लिए 'ऑक्सिलरी वॉर्निंग सिस्टम' (AWS) का इस्तेमाल होता है. इस सिस्टम में जब कोई सिग्नल आने वाला होता है, तो ड्राइवर को एक अलार्म सुनाई देता है. अगर ड्राइवर 4 सेकंड के अंदर एक बटन नहीं दबाता, तो ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाते हैं.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, AWS सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. कई बार यह सिस्टम ड्राइवर द्वारा रेड सिग्नल पार करने (सिग्नल जंपिंग) जैसी गंभीर घटनाओं को रोकने में नाकाम रहता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह काफी हद तक ड्राइवर की फुर्ती पर निर्भर करता है.
इसके मुकाबले 'कवच' कहीं ज़्यादा एडवांस है. इसकी कुछ खास बातें ये हैं:
- ऑटोमेटिक ब्रेक: अगर ड्राइवर गलती से रेड सिग्नल पार कर देता है, तो 'कवच' सिस्टम अपने आप ब्रेक लगा देगा.
- टक्कर रोकेगा: यह सिस्टम दो ट्रेनों को आमने-सामने या एक-दूसरे के पीछे से टकराने से रोकता है.
- स्पीड पर नज़र: यह लगातार ट्रेन की स्पीड पर नज़र रखता है और उसे तय लिमिट से ज़्यादा नहीं होने देता.
- खराब मौसम में मददगार: खराब मौसम या कोहरे में जब बाहर सिग्नल देखना मुश्किल होता है, तब यह सिस्टम ड्राइवर के केबिन के अंदर ही सिग्नल दिखाता है.
- इंसानी गलती की गुंजाइश कम: यह सिस्टम ट्रेनों और सिग्नल स्टेशनों के बीच लगातार संपर्क बनाए रखता है, जिससे इंसानी गलती की संभावना बहुत कम हो जाती है.
कब तक पूरा होगा काम?
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि 'कवच' लगाने का काम शुरू हो चुका है. लक्ष्य है कि 2026 के आखिर तक पश्चिम रेलवे की सभी लोकल ट्रेनों और लंबी दूरी की ट्रेनों के इंजनों में यह सिस्टम लगा दिया जाए.
पश्चिम रेलवे अपने चर्चगेट-विरार-दहानू रूट पर रोज़ाना 1400 से ज़्यादा लोकल ट्रेनें चलाता है, जिनमें 30 लाख से ज़्यादा लोग सफर करते हैं.
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, विनीत अभिषेक ने कहा, "'कवच' लगने से न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि ट्रेनों के संचालन में भी कुशलता आएगी."