मुंबईवासियों के लिए चिंता की खबर है. शहर को पानी सप्लाई करने वाली 7 झीलों में पानी का स्तर सिर्फ 9.2 फीसदी रह गया है, जो सामान्य आपूर्ति बनाए रखने के लिए जरूरी सीमा से काफी नीचे है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने जानकारी दी है कि 16 जून से रिजर्व जल भंडार का इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा ताकि सप्लाई में कोई रुकावट न आए. 13 जून तक, इन झीलों में कुल 1.33 लाख मिलियन लीटर पानी बचा था, जबकि पूरी क्षमता 14.47 लाख मिलियन लीटर है.
यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि अगर इसी दर से पानी खर्च होता रहा, तो सितंबर के अंत तक बिना कटौती आपूर्ति करना मुश्किल होगा. हालांकि, फिलहाल BMC ने कोई सिटीवाइड वाटर कट घोषित नहीं किया है.
मुंबई को पानी सप्लाई करने वाली 7 प्रमुख झीलें हैं. भातसा, तानसा, मोदक सागर, अपर वैतरणा, मिडल वैतरणा, तुलसी और विहार. इन झीलों में से भातसा झील अकेले ही शहर की जल आपूर्ति का 50% से अधिक योगदान देती है, जबकि तुलसी और विहार, जो संजय गांधी नेशनल पार्क के भीतर स्थित हैं, केवल 1 से 2 प्रतिशत पानी की आपूर्ति करती हैं.
बाकी झीलें भी मुंबई की जल आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती हैं. अपर वैतरणा झील से अब पानी निकालना बंद कर दिया गया है और उसे मिडल वैतरणा तथा मोदक सागर की ओर डायवर्ट किया गया है ताकि शॉर्ट-टर्म सप्लाई जारी रह सके.
क्या होगा अब?
BMC ने साफ कर दिया है कि 16 जून से अपर वैतरणा के रिजर्व जल भंडार से पानी लेना शुरू किया जाएगा. पिछले साल भी जून में इसी तरह जलस्तर गिरकर 5.5 फीसदी हो गया था, जिसके चलते जून के अंत से जुलाई तक 10 फीसदी पानी कटौती करनी पड़ी थी. हालांकि, BMC अधिकारियों का कहना है कि जून में पानी का स्तर गिरना सामान्य है क्योंकि मानसून की असली रफ्तार जुलाई में पकड़ती है. पिछले 24 घंटे में झील क्षेत्र में 103 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिससे कुछ राहत जरूर मिली है.
घाटकोपर में 9 घंटे की पानी कटौती
झीलों की स्थिति के बीच, घाटकोपर ईस्ट के निवासियों के लिए एक और महत्वपूर्ण सूचना है. 16 जून को घाटकोपर-अंधेरी लिंक रोड पर पाइपलाइन मरम्मत कार्य के चलते, यहां सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 9 घंटे पानी की कटौती होगी. BMC ने लोगों से पहले से पानी स्टोर करने और सहयोग करने की अपील की है.













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