अरब सागर में शिवाजी महाराज के स्मारक पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार, 3600 करोड़ रूपये होगा खर्च

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक पर रोक लगाने से मुंबई उच्च न्यायालय ने मना कर दिया है. हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुंबई के अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति निर्माण पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया.

शिवाजी महाराज (File Photo)

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक पर रोक लगाने से मुंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मना कर दिया है. बात दें कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा की ऊंचाई 210 मीटर होगी, जो कि जो कि गुजरात में बने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 28 मीटर ऊंची है.

मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की एक खंडपीठ सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए मुंबई के अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति निर्माण पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया.

एक याचिका में इस परियोजना के लिए सरकार की आलोचना की गई कि समूचे राज्य में सूखे के हालात हैं तथा अन्य महत्वपूर्ण मसले हैं जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, और सरकार स्मारक पर 3600 करोड़ रूपये खर्च कर रही है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि इस परियोजना से 16 हजार मछुआरे प्रभावित हुए हैं क्योंकि प्रस्तावित मूर्ति के क्षेत्र में मछली पकड़ने को प्रतिबंधित कर दिया गया है.

बता दें कि इस साल जून में महाराष्ट्र सरकार ने इस परियोजना के लिए लार्सन एंड टूब्रो के साथ समझौता किया था. इस पर काम पिछले महीने शुरू हो गया और इसके अगले 36 महीने में पूरा होने की उम्मीद है.

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