MS धोनी ने अपने पूर्व बिजनेस पार्टनर पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप, मिहिर दिवाकर गिरफ्तार
महेंद्र सिंह धोनी के पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी धोनी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद हुई है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के पूर्व बिजनेस पार्टनर, मिहिर दिवाकर को मंगलवार को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया. यह गिरफ्तारी धोनी द्वारा दर्ज कराई गई एक आपराधिक शिकायत के बाद हुई है.
मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत दर्ज किया गया है. शिकायत रांची जिला न्यायालय में आरका स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जिसके दिवाकर एक निदेशक थे, और सौम्या दास के खिलाफ दर्ज की गई थी. ये भी पढ़ें- MS Dhoni Sings Bole jo Koyal: इलेक्ट्रिक साइकिल के एड में नए अवतार में दिखें एमएस धोनी, पूर्व कप्तान ने गाए बोले जो कोयल बागों में, देखें वायरल वीडियो
मिहिर दिवाकर पर आरोप है कि उन्होंने जयपुर में एक क्रिकेट अकादमी की स्थापना में धोनी के नाम का अनधिकृत रूप से इस्तेमाल किया. धोनी ने अपने नाम के इस्तेमाल की अनुमति वापस ले ली थी, लेकिन दिवाकर ने कथित तौर पर धोनी के साथ अपने संबंधों को गलत तरीके से पेश करके अकादमी खोली.
धोनी ने 15 अगस्त, 2021 को आरका स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड का अधिकार रद्द कर दिया था, लेकिन दिवाकर ने धोनी के नाम का इस्तेमाल करके भारत और विदेशों में क्रिकेट अकादमियों का संचालन जारी रखा. उन्होंने कथित तौर पर एमएस धोनी क्रिकेट अकादमी और एमएस धोनी स्पोर्ट्स अकादमी जैसी अकादमियों के लिए फ्रेंचाइजी फीस स्वीकार की, जिससे कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई.
मिहिर दिवाकर को गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से गिरफ्तार किया गया और बाद में जयपुर स्थानांतरित कर दिया गया. इससे पहले उनके खिलाफ जयपुर के करणी विहार थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था.
जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ के अनुसार, दिवाकर के खिलाफ मामला जयपुर के गांधी पथ क्षेत्र में महेंद्र सिंह धोनी के नाम पर एक क्रिकेट अकादमी की स्थापना से संबंधित धोखाधड़ी की गतिविधियों के आरोपों से उपजा है. यह बताया गया कि दिवाकर ने अकादमी के लिए धन एकत्र किया था, जबकि धोनी ने अपने नाम के इस्तेमाल के लिए अधिकार वापस ले लिया था.
फिलहाल, यह गिरफ्तारी धोनी और उनके पूर्व बिजनेस पार्टनर के बीच चल रही कानूनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो व्यावसायिक साझेदारी में सतर्कता और कथित धोखाधड़ी के मामलों में कानूनी उपचारों को लागू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है.