मध्यप्रदेश में बीजेपी ने शुरू की 2023 विधानसभा चुनाव की तयारी, बनेगी नई कार्यसमिति, नए चेहरों को मिलेगी तरजीह
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी उप चुनाव के बाद संगठन की नई टीम बनाने की कवायद में जुट गई है. प्रदेश कार्यसमिति में नए चेहरों को जगह दिए जाने की तैयारी है और 55 वर्ष से कम आयु के लोगों को ज्यादा महत्व दिया जा सकता है.
भोपाल, 23 नवंबर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उप चुनाव के बाद संगठन की नई टीम बनाने की कवायद में जुट गई है. प्रदेश कार्यसमिति में नए चेहरों को जगह दिए जाने की तैयारी है और 55 वर्ष से कम आयु के लोगों को ज्यादा महत्व दिया जा सकता है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाले विष्णु दत्त शर्मा (Vishnu Dutt Sharma) को लगभग नौ माह का समय बीत गया है मगर वे अब तक अपनी कार्यसमिति का गठन नहीं कर पाए हैं. उन्हें पुरानी कार्यसमिति के सहारे ही काम करना पड़ रहा है. शर्मा के पार्टी की कमान संभालने के बाद भाजपा की सत्ता में वापसी हुई है और उप-चुनाव में भी जीत दर्ज की.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद शर्मा ने पांच महामंत्रियों -- भगवानदास सबनानी (Bhagvandas Sabnaani), शारदेंदु तिवारी (Shaardendu Tiwary), रणवीर सिंह रावत (Ranvir Singh Raavat), कविता पाटीदार (Kavita Paatidar) और हरिशंकर खटीक (Harishankar Khatik) की नियुक्ति की थी, उसके बाद से ही नई कार्य समिति के गठन की कवायद चल रही है. विधानसभा के उपचुनाव में मिली सफलता के बाद प्रदेश अध्यक्ष अपनी नई टीम बनाने की तैयारी में हैं.
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भाजपा के सूत्रों का कहना है कि नई कार्यसमिति के गठन को लेकर प्रदेश अध्यक्ष शर्मा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) और संगठन महामंत्री सुहाग भगत के साथ बैठक हो चुकी है और उसमें 8 से 10 उपाध्यक्ष और इतने ही प्रदेश मंत्रियों के नामों पर सहमति बन गई है. इसके साथ ही कोशाध्यक्ष, कार्यालय प्रभारी जैसे पदों पर भी नए चेहरों की तैनाती का मन बनाया गया है. जो नई नियुक्तियां होने वाली हैं उनमें नए चेहरों को बड़ी संख्या में स्थान दिया जा सकता है.
पार्टी के जानकारों की मानें तो राज्य में भाजपा संगठन को नया चेहरा देना चाह रही है, इसका प्रमाण प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पूर्व में जिला अध्यक्षों की गई नियुक्ति से जाहिर होता है. पिछले दिनों 30 से ज्यादा जिलों के अध्यक्ष बदले गए हैं और उन स्थानों पर जिन्हें कमान दी गई है वे पहली बार जिला अध्यक्ष बने हैं. इतना ही नहीं बहुसंख्यक तो 45 वर्ष की आयु से भी कम के हैं. इसी तरह प्रदेश की नई कार्यसमिति में भी नए चेहरों को जगह मिलना तय है. कुछ चेहरे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए लोगों के भी हो सकते हैं.
राजनीतिक विश्लेषक साजी थामस (Saaji Thomas) का मानना है कि राज्य में भाजपा नए रूप में नजर आना चाहती है. यह दिख भी रहा है. साथ ही ऊजार्वान लोगों को स्थान देना उसकी प्राथमिकता है, वहीं पुराने नेताओं को कार्यसमिति से दूर रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा, लिहाजा पार्टी को एक ऐसा रास्ता खोजना होगा जिसमें ऊर्जा और अनुभव का समन्वय हो.