मध्य प्रदेश के राजगढ़ में शहीद सैनिक मनीष विश्वकर्मा की अंतिम यात्रा में हादसा, लोगों की भीड़ के कारण मकान की छत गिरी
मध्य प्रदेश (MadhyaPradesh) के राजगढ़ (Rajgarh) में उस वक्त लोगों की हुजूम उमड़ पड़ी जब खुजनेर में शहीद मनीष विश्वकर्मा (Manish Vishwakarma) का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा. हर कोई अपने वीर जवान को आखिरी बार देखना चाहता है. इस दौरान लोगों की भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि चारो तरफ सिर्फ सिर ही सिर दिखाई दे रहा था. इस दौरान कई लोग मकान और उसकी छतों पर चढ़ गए. इसी दौरान एक हादसा हुआ, जब खाली पुराने मकान की छत पर बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने से छत अचानक ढह (Roof Collapsed) गई. इस हादसे में कोई गंभीर रूप से घायल तो नहीं हुआ. लेकिन कुछ लोगों को मामूली चोटें जरुर आई. शहीद मनीष विश्वकर्मा बारामुला में मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए थे.
मध्य प्रदेश (MadhyaPradesh) के राजगढ़ (Rajgarh) में उस वक्त लोगों की हुजूम उमड़ पड़ी जब खुजनेर में शहीद मनीष विश्वकर्मा (Manish Vishwakarma) का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा. हर कोई अपने वीर जवान को आखिरी बार देखना चाहता है. इस दौरान लोगों की भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि चारो तरफ सिर्फ सिर ही सिर दिखाई दे रहा था. इस दौरान कई लोग मकान और उसकी छतों पर चढ़ गए. इसी दौरान एक हादसा हुआ, जब खाली पुराने मकान की छत पर बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने से छत अचानक ढह (Roof Collapsed) गई. इस हादसे में कोई गंभीर रूप से घायल तो नहीं हुआ. लेकिन कुछ लोगों को मामूली चोटें जरुर आई. शहीद मनीष विश्वकर्मा बारामुला में मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए थे.
वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे लोगों की भीड़ उमड़ी है. वहीं, कुछ लोग छतों पर खड़े होकर शहीद मनीष विश्वकर्मा के दर्शन कर रहे हैं. इसी दरम्यान एक मकान जो पुरानी अवस्था में थी उसकी छत भरभरा के गिर पड़ा. इस हादसे के दौरान कई लोग अंदर गिर पड़े और कुछ बहार निकलकर वहां से भाग निकले. लेकिन इस हादसे के बाद भी बड़ी संख्या में भीड़ वहां खड़ी रही और शहीद मनीष विश्वकर्मा को नम आंखो से अंतिम विदाई दी.
देखें वीडियो:-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद मनीष विश्वकर्मा के परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि मां भारती की सेवा व रक्षा के लिए मर-मिटने वाले ऐसे वीर सपूतों पर प्रदेश और देश को युगों-युगों तक गर्व रहेगा. शहीद मनीष विश्वकर्मा के सम्मान में प्रतिमा लगाई जाएगी और किसी एक सरकारी संस्थान का नाम भी उनके नाम पर रखा जाएगा.