तिरुवनंतपुरम: केरल (Kerala) में भारी बारिश के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त है. बारिश और भूस्खलन संबंधी घटनाओं में अब तक 27 की मौत हो चुकी है. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने तिरुवनंतपुरम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड और कन्नूर जिलों में 20 अक्टूबर के लिए ऑरेंज अलर्ट और कासरगोड, अलापुझा और कोल्लम में येलो अलर्ट जारी किया है. Uttarakhand: नैनीताल में फटा बादल, चारधाम मार्ग में कई जगह बचाई गई लोगों की जान- देखिए किस कदर मची तबाही.
IMD ने 21 अक्टूबर के लिए तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड और वायनाड जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. कन्नूर और कासरगोड जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. केरल में इदामलयार और पम्पा बांधों के द्वार खोले गए.
आईएमडी ने केरल के कई हिस्सों में 20 अक्टूबर से अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. राज्य सरकार ने कोच्चि के उपनगरीय इलाकों सहित इडुक्की बांध के निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है और संभावित बाढ़ से प्रभावित परिवारों को निकालना शुरू कर दिया है.
राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने बताया कि दस बांधों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है तथा सबरीमला मंदिर के लिए तीर्थाटन रोक दिया गया है.
इस बीच, नौसेना और एनडीआरएफ द्वारा कोट्टायम जिले के कूट्टिकल और पड़ोसी इडुक्की जिले के कोक्कयार में मलबे के नीचे से और शव निकाले जाने के बाद विनाशकारी भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 12 अक्टूबर से बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है.