रांची, 4 नवंबर: झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले (Money Laundering Case) में जेल में बंद कुछ अभियुक्त ईडी के अफसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं. यह दावा ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दिए गए आवेदन में किया है. इसी आवेदन के आधार पर कोर्ट की इजाजत के बाद ईडी ने शुक्रवार की दोपहर रांची के बिरसा मुंडा जेल में छापामारी की थी. एजेंसी ने जेल के कुछ सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. ईडी का कहना है कि उसके अफसरों को झूठे मुकदमों में फंसाने और मनी लॉन्ड्रिंग के मुकदमों के सरकारी गवाहों को प्रभावित करने की साजिश में झारखंड सरकार के कुछ अफसर भी शामिल हैं. जेल प्रशासन के अफसर भी इसमें सहयोग कर रहे हैं.
ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के अभियुक्त उनके अफसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों के भी संपर्क में हैं. इसकी पूरी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई थी. शुक्रवार को जेल में हुई छापेमारी के बाद एजेंसी ने कई और सबूत जुटाये हैं. इस मामले में सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आ रही है कि ईडी के हाथ एक ऑडियो क्लिप लगा है, जिससे खुलासा हुआ कि शुक्रवार को ही रांची पुलिस के एक अधिकारी ने जेल में रेड पड़ने से पहले मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल से मुलाकात की थी. यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री के रूप में सिद्दारमैया के पिछले कार्यकाल के दौरान 4,000 किसानों ने आत्महत्या की: कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष
ईडी सूत्रों का कहना है कि उसके अधिकारियों के खिलाफ साजिश रचने के लिए रांची पुलिस के एक बड़े पुलिस अधिकारी से मदद मांगी गयी थी. ऑडियो क्लिप की जांच के बाद ईडी जल्द इस बड़ी साजिश का पर्दाफाश कर सकती है. ईडी सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है, ताकि पता चल सके कि रांची पुलिस के किस अधिकारी ने प्रेम प्रकाश एवं अमित अग्रवाल से मुलाकात की थी.
बता दें कि लैंड स्कैम, बालू के अवैध कारोबार, शराब टेंडर में हुए कथित घोटाले और अवैध खनन जैसे करोडों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने बीते डेढ़ वर्षों में दो दर्जन से ज्यादा लोगों को जेल की सलाखों के भीतर पहुंचाया है. इनमें से पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल समेत कई दूसरे कैदी ईडी के अफसरों के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. खबर है कि इस मामले में ईडी बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिंटेंडेंट, जेलर सहित कई अन्य को समन करने की तैयारी कर रही है. ईडी का दावा है कि जेल प्रशासन ने संदिग्ध गतिविधियों से संबंधित सीसीटीवी फुटेज जानबूझ कर डिलिट किए हैं.