देश भर में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price) की कीमते बेलगाम हैं. कई राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रतिलीटर या इससे अधिक की दर से बिक रहा है. वहीं सरकार को जहां इस पर लगाम लगाने की योजना बनाना चाहिए वहीं मोदी सरकार कह रही है कि इस पर वर्ष 2026 तक कुछ नहीं हो सकता. दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का ठीकरा पूर्व की यूपीए सरकार पर फोड़ा है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि पूर्व की यूपीए सरकार ने ऑयल बॉन्ड जारी किया था जिसके दुष्प्रभाव अब देखने को मिल रहे हैं. यूपीए सरकार ने अपने टाइम में 1.44 लाख करोड़ रुपये का बांड जारी कर ईंधन की कीमतों में कमी की थी. लेकिन उसमें कुछ घालमेल किया गया था. जिसका नतीजा है कि आज पेट्रोल की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं.
UPA Govt had reduced fuel prices by issuing Oil Bonds of Rs 1.44 lakh crores. I can't go by the trickery that was played by previous UPA Govt. Due to Oil Bonds, the burden has come to our Govt, that's why we are unable to reduce prices of petrol & diesel: FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/8zMJoLRFmZ
— ANI (@ANI) August 16, 2021
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछली सरकार में ऑयल बॉन्ड पर की गई चालबाजी का नतीजा है कि हमारी सरकार पर इसका बोझ आ गया है. हमारी सरकार पिछली सरकार के बॉन्ड का ब्याज अब तक भर रही है और ये वर्ष 2026 तक भरना होगा. इसके चलते हर वर्ष सरकारी खजाने का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ इसकी ब्याज दर देने में ही लग रहा है.
We'll still have to pay interest of Rs 37,000 crores by 2026. Despite interest payments, principal outstanding of over 1.30 lakh crores is still pending. If I didn't have the burden of oil bonds, I would have been in a position to reduce excise duty on fuel: Finance Minister(2/2)
— ANI (@ANI) August 16, 2021
निर्मला सीतारमण ने कहा कि, देश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों पर लोगों का चिंतित होना वाजिब है लेकिन फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना जल्द बाजी होगी. उन्होंने कहा कि, इस बारे में जब तक केंद्र और राज्य मिलकर कोई समाधान नहीं निकालते तब तक कीमतों में कमी होना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल के दामों से एक्साइज ड्यूटी घटाने में असमर्थ है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ईंधन पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने में असमर्थ है. फिलहार सरकार इसमें कोई कमी नहीं करेगी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीए सरकार द्वारा जारी ऑयल बॉन्ड और गलत नीतियों के चलते सरकारी कोष से भारी ब्याज चुकाना पड़ रहा है. सरकार ने पिछले 5 वर्षों में तेल बॉन्ड पर 70,195.72 करोड़ से अधिक का ब्याज का भुगतान किया है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि, हमारी सरकार को वर्ष 2026 तक 37,000 करोड़ रुपये का ब्याज और देना होगा. ब्याज भुगतान के बावजूद, 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूलधन अभी भी बाकी है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, तेल बॉन्ड का बोझ न होता तो मैं ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होती.