नई दिल्ली: केंद्र (Central Government) डेटा के दुरुपयोग को लेकर ई-फार्मेसी उद्योग (E-pharmacy Industry) को विनियमित करने की योजना बना रहा है, सूत्रों ने यह जानकारी दी. एक सूत्र के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) देश में ई-फार्मेसी उद्योग बाजार (E-pharmacy Industry Market) को विनियमित करने के लिए एक नीति पर काम कर रहा है और मंत्रियों का एक समूह ई-फार्मेसी को बंद करने के पक्ष में है. उन्होंने मौजूदा स्वरूप में विचार का प्रस्ताव नहीं दिया. सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.
सूत्र ने कहा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस क्षेत्र में रिपोर्ट किए गए कदाचारों पर ध्यान दिया है, जो डेटा गोपनीयता, बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाओं की बिक्री और अनुचित मूल्य निर्धारण पर चिंता का कारण बनता है. H3N2: तेजी से फैल रहा है एच3एन2 संक्रमण, इन दो सब वेरिएंट ने बढ़ाई टेंशन; COVID के केस भी बढ़े
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीए) ने पिछले महीने ऑनलाइन फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि बिना लाइसेंस के ड्रग्स बेचने और वितरित करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए.
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के प्रावधानों के उल्लंघन में ड्रग्स बेचने और वितरित करने के लिए टाटा 1एमजी, अमेजन, और फ्लिपकार्ट सहित ऑनलाइन फार्मेसी को नोटिस जारी किया गया था. डीसीजीआई ने नोटिस में कहा - इस कार्यालय को समय-समय पर विभिन्न मोबाइल एप्लिकेशन सहित ऑनलाइन, इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्मों के माध्यम से दवाओं की बिक्री के संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं, जो ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम, 1940 और उसके तहत नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में हैं.
ऐसी बिक्री में अनुसूची एच, एचआई और एक्स में निर्दिष्ट दवाएं शामिल हैं जिन्हें केवल एक पंजीकृत चिकित्सक के वैध नुस्खे के तहत खुदरा बिक्री की अनुमति है और एक पंजीकृत फार्मासिस्ट की देखरेख में आपूर्ति की जाती है.