मॉब लिंचिंग का शिकार होते-होते बचे तीन साधु, बच्चा चोर की फैली थी अफवाह

सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही बच्चा चोर की अफवाहों से उत्तेजित होकर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जा रही हत्याओं को रोकने के लिए भले ही सरकार एड़ी चोटी का बल लगा रही हो लेकिन ऐसी घटनाओं में कोई खासा कमी नहीं आ रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: stux/Pixabay

दिसपुर: सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही बच्चा चोर की अफवाहों से उत्तेजित होकर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जा रही हत्याओं को रोकने के लिए भले ही सरकार एड़ी चोटी का बल लगा रही हो लेकिन ऐसी घटनाओं में कोई खासा कमी नहीं आ रही है. ताजा मामला असम के दीमा हसाओ जिले के महुआ रेलवे स्टेशन पर हुआ जहां पर सेना व पुलिस के ​अधिकारियों ने समय रहते पहुंचकर तीन साधुओं की जान बचा ली.

खबर के मुताबिक बच्चा चोरी के आरोप में हजारों की भीड़ ने इन तीन साधुओं को मारने के लिए स्टेशन पर घेर लिया था, लेकिन ऐन मौके पर जवानों ने पहुंचकर इनकी जान बचा ली. भीड़ ने इनके सामानों को फेंक दिया था और बस मारने ही वाले थे.

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियों बनाकर अफवाह फैलाई गई. जिसकी वजह से इन तीन साधुओं की जान जाते जाते बची है. वहीं इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने एक आपातकालीन बैठक बुलाकर विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों से बात की. अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैलार्इ् जा रही अफवाहों से बचकर रहें.

इसी तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं बहुत से राज्यों में हुईं, जिसमें असम, कर्नाटक, त्रिपुरा व पश्चिम बंगाल भी शामिल हैं. इन घटनाओं में सोशल मीडिया की अफवाहों के कारण बच्चा उठाने या चोरी करने के संदेह में लोगों द्वारा हत्याएं की गईं.

केंद्र सरकर ने मंगलवार को व्हाट्सएप से गलत संदेश फैलाने के खतरे को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा. सरकार ने व्हाट्सएप से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसके मंच का इस्तेमाल दुर्भाग्यपूर्ण गतिविधियों के लिए नहीं हो. मणिपुर: बच्चों का मांस खाने के आरोप में 2 लोग गिरफ्तार

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