#MeToo पर घिरे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा
बता दें कि एमजे अकबर के खिलाफ गंभीर खुलासों के बाद से ही उन पर केन्द्रीय मंत्री की कुर्सी को छोड़ने का दबाव था. अपने मंत्री पर लगे आरोपों के बाद बीजेपी भी विपक्ष के निशाने पर थी
नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न के खिलाफ चल रहे #MeToo कैंपेन के घेरे में आए विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. महिला पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर अपने पद से इस्तीफा दिया है. कुछ दिनों पहले रमानी ने भारत में जोर पकड़े ‘‘मी टू’’ अभियान के तहत उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. रमानी ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं बेहद निराश हूं कि एक केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं के व्यापक आरोपों को राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए खारिज कर दिया
बता दें कि एमजे अकबर के खिलाफ गंभीर खुलासों के बाद से ही उन पर केन्द्रीय मंत्री की कुर्सी को छोड़ने का दबाव था. अपने मंत्री पर लगे आरोपों के बाद बीजेपी भी विपक्ष के निशाने पर थी, कई महिला संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मांग भी की थी कि एमजे अकबर को अविलंब पद से हटाया जाए.
18 तारीख को होगी मामले की सुनवाई
पत्रकार प्रिया रमानी के विरुद्ध केंद्रीय मंत्री एम.जे.अकबर द्वारा किए गए मानहानि के मुकदमे की सुनवाई गुरुवार यानी 18 अक्टूबर को होगी. महिला पत्रकार ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे जिसे अकबर ने बेबुनियाद बताया और पत्रकार पर मुकदमा ठोंक दिया. अकबर के वकील संदीप कपूर ने मंगलवार को कहा, "पटियाला हाउस अदालत परिसर में 18 अक्टूबर को एक मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि मुकदमे की सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि एमजे के खिलाफ 10 से अधिक महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. यह मामला तब का है जब एमजे अकबर शीर्ष मीडिया संस्थानों में कार्यरत थे. कांग्रेस समेत अन्य विपक्ष दलों में एमजे अकबर से इस्तीफे और पूरे मामले की जांच की मांग की है.